इसके फ़लस्वरूप भावी दंपत्ति दाम्पत्य सुख से वंचित रह सकते हैं। विवाह मुहूर्त में लग्न का निर्धारण करते समय यदि चन्द्र लग्न या लग्न से सप्तम स्थान में कोई भी ग्रह, चाहे वह पूर्ण चन्द्र ही क्यों ना हो, स्थित हो तो इसे जामित्र दोष कहा जाता है। इस दोष विवाह में करना घातक होता है। अत: विवाह लग्न का निर्धारण करते समय जामित्र दोष का परीक्षण कर इसे त्यागना उचित व हितकर रहता है।