राहु आपके अंदर भ्रम, लालच, अचानक बदलाव का भाव लाने का काम करता है और केतु मोक्ष, त्याग, अंदरूनी शांति लाता है। एक ओर जहां बुराई अपने चरम पर होगी वहीं दूसरी ओर धर्म के उपदेश भी चरम पर होंगे। एक ओर पश्चिमी धर्म के प्रति लोगों का विश्वास खत्म होगा तो दूसरी ओर सनातन हिंदू धर्म को लेकर दूसरे धर्मों के लोगों की जिज्ञासा बढ़ जाएगी। राहु और केतु का गोचर लोगों की सोच, फैसले और रिश्तों को गहराई से प्रभावित करेगा।