मान्यता है कि खरमास के दौरान बच्चे का मुंडन संस्कार, यज्ञोपवीत, कर्ण छेदन, गृह आरंभ, गृह प्रवेश, वास्तु पूजा, कुआं एवं बावड़ी उत्खनन, राजसी कार्य, दिव्य यज्ञ अनुष्ठान जिसमें लक्ष्यचंडी तथा सहस्त्रचंडी यज्ञ के साथ ही वैदिक कर्म त्याग दिए जाते हैं। इस दौरान शुभ मांगलिक विवाह आदि शुभ कार्य पूरी तरह वर्जित रहते हैं।