138 दिन तक शनि की वक्री चाल, 5 राशियों को रहना होगा बचकर, जानिए उपाय

WD Feature Desk

शनिवार, 28 जून 2025 (12:23 IST)
shani ki vakri chal ka prabhav 2025: 13 जुलाई 2025 को रविवार सुबह 09:36 पर शनि ग्रह मीन राशि में वक्री हो रहे हैं, शनि देव यहां पर 28 नवंबर 2025 को सुबह 09:20 तक वक्री अवस्था में ही रहेंगे। यानि कुल 138 दिन वे वक्री रहेंगे। शनि ने मीन राशि में 29 मार्च 2025 को प्रवेश किया था। इस राशि में शनिदेव 3 जून 2027 तक रहकर लोगों के कर्मों का फल तय कर रहे हैं।
 
इन 5 राशियों को करेंगे प्रभावित: वर्तमान समय शनि मीन में गोचर कर रहे हैं, मीन राशि के स्वामी देव गुरु बृहस्पति हैं। मेष, मिथुन, कन्या, वृश्चिक एवं धनु राशि के जातकों को अधिक सतर्क रहने की जरूरत बताई जा रही है। विशेषकर आर्थिक लेनदेन, पारिवारिक मामले, मतभेद एवं विवादों को लेकर संयम रखना जरूरी है।
 
1. मेष राशि: 29 मार्च से आपकी राशि पर शनि की साढ़ेसाती प्रारंभ हुई है। हालांकि साढ़ेसाती का आप पर प्रभाव अच्‍छा रहेगा लेकिन वक्री चाल में यदि आपके कर्म अच्‍छे हैं तो फल अच्‍छा मिलेगा और यदि बुरे हैं तो बुरा। फिर भी आपको इस दौरान सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि  वर्तमान में यह आपके द्वादश भाव में वक्री हो रहे हैं। नौकरी में अपने व्यवहार और वाणी पर संयम रखें। आपको अपने रिश्तों को लेकर भी सावधानी रखना होगी।  
 
2. मिथुन राशि: दसवें भाव में शनि का गोचर आमतौर पर अच्छा नहीं माना जाता लेकिन यह वक्री हुआ है तो मिश्रित परिणाम दे सकता है। इसलिए आपको संभलकर कार्य करना होगा। खासकर नौकरी और व्यापार में सोच समझकर रहना होगा। दशम भाव में शनि नौकरी या व्यवसाय में व्यवधान देने वाला माना गया है। यह आपके सुख में कमी ला सकता है।
 
3. कन्या राशि: सातवें भाव में शनि का गोचर आमतौर पर अच्छा नहीं माना जाता है। इसका यहां वक्री होना भी अच्छा नहीं माना गया है। इसलिए जीवनसाथी से संबंध को लेकर और साझेदारी के व्यापार को लेकर सतर्क रहें। यह नौकरी में भी समस्या पैदा कर सकता है। विवादों से दूर रहें। खान-पान पर संयम रखें।
 
4. वृश्चिक राशि: आपकी कुंडली के पांचवें भाव में शनि का वक्री होना शुभ नहीं है। यह संतान और संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। यह इस अवधि में आपके सोचने की क्षमता कुछ हद तक बाधित कर सकता है। इसके कारण निर्णय लेने की क्षमता कमजोर होगी।। कारोबारी हैं या नौकरीपेशा आपको महत्वपूर्ण योजनाओं को बनाने में अधिक सावधानी रखना होगी। खानपान पर भी संयम रखना होगा।
 
5. धनु राशि: आपकी कुंडली के चौथे भाव में शनि का वक्री होना सुख और सुविधानों में कमी ला सकता है। वैसे भी चंद्र कुंडली के अनुसार, चतुर्थ भाव में शनि के गोचर को शनि की ढैया कहा जाता है। अत जीवन में थोड़े उतार-चढ़ाव आ सकते हैं। नौकरी में स्थानांतर हो सकता है या घर बदलने की नौबत आ सकती है। रिश्तेदार या पड़ोसी किसी बात को लेकर कुछ नाराज रह सकते हैं। इस अवधि में वाहन सावधानी से चलाएं।
 

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