क्या हाथ की रेखा बताती है कब मिलेगा प्यार, कैसा होगा आपका दिलदार
सोमवार, 7 फ़रवरी 2022 (18:23 IST)
हाथ की रेखाएं बहुत कुछ कहती हैं। हस्तरेखा को अंग्रेज में Palmistry कहते हैं। हाथों में ढेर सारी छोटी बड़ी रेखाओं के साथ चिन्ह होते हैं। सभी का अलग अलग भविष्य बताते हैं। आओ जानते हैं कि हाथों में कौनसी सी रेखा आपके प्रेम प्यार को प्रदर्शित करती है या कैसे इसका खुलासा होता है कि आपको प्यार मिलेगा या नहीं, कैसा होगा आपका दिलदार।
विवाह रेखा :- इसे प्रेम रेखा भी कहते हैं। यह रेखा सबसे छोटी अंगुली के नीचे रहती है। यह एक अथवा एक से अधिक होती है। यह रेखा अन्य रेखाओं से छोटी होती है। अधिक रेखा में जो सबसे गहरी होती है वह विवाह की स्थिति को दर्शाती है। कनिष्ठा अंगुली के नीचे और हृदय रेखा के ऊपर बुध पर्वत पर उपस्थित आड़ी रेखा को विवाह रेखा कहते हैं। हथेली में विवाह रेखाओं की संख्या 4 तक हो सकती है। इनमें से एक रेखा ही सर्वाधिक पुष्ट एवं लंबी होती है।
विवाह रेखा का अर्थ : विवाह रेखा के होने का अर्थ यह नहीं कि आप किसी महिला या पुरुष के साथ 7 फेरे लेकर ही रहेंगे। विवाह रेखा का अर्थ यह माना जाता है कि आप किसी से प्रेम करेंगे या संबंध बनाएंगे। इसीलिए इस रेखा को प्रेम रेखा, वासना रेखा और प्रणय रेखा भी कहते हैं। विवाह रेखा के ऊपर ही संतान की रेखा होती है।
1. ऐसा माना जाता है कि यदि यह रेखा छोटी और हल्की है तो व्यक्ति को अपने रिश्तों की परवाह नहीं है। कमजोर रेखा अल्प समय के लिए प्रेम संबंध होना व्यक्त करती है।
2. हथेली में विवाह रेखा का चौड़ा होना विवाह के प्रति कोई उत्साह न होने का संकेत है।
3. विवाह रेखा का अंत में कई भागों में बंट जाना अत्यंत दुखी दांपत्य जीवन का संकेत है।
4. अंत में दोमुंही विवाह रेखा भी दांपत्य जीवन को कलहयुक्त बनाती है।
5. दोमुंही विवाह रेखा की एक शाखा हृदय रेखा को स्पर्श करे तो जातक का प्रेम संबंध उसकी साली से हो सकता है। रेखा की ऐसी स्थिति यदि स्त्री के हाथ में हो तो उसका संबंध देवर या जेठ से होने की संभावना रहती है, लेकिन इसमें पर्वतों की स्थिति से ही यह तय होगा।
6. विवाह रेखा के उद्गम पर द्वीप का चिन्ह वैवाहिक सुख में विघ्न डालता है जबकि विवाह रेखा पर एक से अधिक द्वीप दांपत्य सुख से वंचित रखता है। द्वीप का होना प्रेम में बदनामी होने का संकेत भी है।
7. विवाह रेखा में झुकाव हो और उस झुकाव पर क्रॉस बना हो तो पति या पत्नी की आकस्मिक मृत्यु हो सकती है या प्रेम संबंध शीघ्र समाप्त हो सकते हैं।
8. विवाह रेखा पर काला धब्बा इस बात की सूचना है कि जातक को पत्नी सुख का अभाव रहेगा।
9. यदि यह रेखा गहरी और लंबी होती है तो व्यक्ति अपने रिश्तों को महत्व देता है और वह सचमुच में ही प्रेम करता है।
10. खंडित विवाह रेखा प्रेम या दांपत्य जीवन में विरह का संकेत है। यदि यह रेखा दोनों ही हाथों में खंडित है तो विरह के प्रबल योग है। खंडित विवाह रेखा जीवन के मध्य काल में पत्नी वियोग देती है। यह योग पत्नी की मृत्यु होने या तलाक होने से बनता है।
11. विवाह रेखाओं का अधिक होना इस बात का संकेत है कि विवाह पूर्व या विवाह बाद उतने से लोगों से प्रणय संबंध बगेंगे। यदि बुध क्षेत्र पर दो सामानांतर पुष्ट रेखाएं विद्यमान हैं तो दो विवाह होने का संकेत है।
विवाह रेखा और अन्य रेखाएं :
1. यदि विवाह रेखा को कोई अन्य रेखा काट रही हो या आड़ी रेखा से विवाह रेखा का कट रही हो तो यह वैवाहिक सुख में नुकसान के संकेत हैं।
2. विवाह रेखा से प्रारंभ होकर कोई पतली रेखा हृदय रेखा की ओर जाए तो दोनों का साथ जीवनभर बना रहता है।
3. यदि विवाह रेखा का झुकाव कनिष्ठा की ओर हो तो जीवनसाथी की मृत्यु उससे पूर्व होती है।
4. यदि विवाह रेखा हृदय रेखा को क्रॉस कर दे अर्थात चीरती हुई निकल जाए तो यह विवाह विच्छेद का संकेत है।
5. ऐसा भी कहते हैं कि विवाह रेखा नीचे की ओर जाकर हृदय रेखा को छुए तो पत्नी की मृत्यु हो जाती है और यदि यह रेखा नीचे झुककर हृदय रेखा में मिल जाए तो यह दांपत्य जीवन में अलगाव की सूचक है।
6. जिन व्यक्तियों के हाथों में यह रेखा हृदय रेखा के नीचे होती है उनका विवाह प्राय: नहीं होता है। दो हृदय रेखाएं होने पर भी विवाह नहीं होता है।
7. यदि विवाह रेखा कनिष्ठा अंगुली के दूसरे पोर तक चढ़े तो व्यक्ति को पत्नी सुख की प्राप्ति नहीं होती है।
8. भाग्य रेखा और मस्तक रेखा में यव का चिन्ह हो, भाग्य रेखा टेढ़ी हो, विवाह रेखा ऊपर की ओर मुड़ी हो तो व्यक्ति विवाह नहीं करना चाहता है।
9. कहते हैं कि यदि विवाह रेखा मस्तक रेखा को स्पर्श करे तो पति अपनी पत्नी की हत्या कर देता है।
10. यदि विवाह रेखा आयु रेखा को काटे या विवाह रेखा, भाग्य रेखा एवं मस्तक रेखा परस्पर मिले तो दांपत्य दुख एवं कलह से परिपूर्ण रहता है।
11. महिला की हथेली में विवाह रेखा जंजीरनुमा हो तो उसका चरित्र सही नहीं माना जाता और उसका स्वभाव क्रूरता एवं निष्ठुरता का होता है।
12. स्त्री के हाथ में विवाह रेखा पर नक्षत्र हो, विवाह रेखा झुककर हृदय रेखा को स्पर्श करे, विवाह रेखा पर काला धब्बा हो और विवाह रेखा हृदय रेखा से मिलकर बारीक रेखाएं दोनों रेखाओं को काटे तो वह विधवा हो सकती है।
13. विवाह रेखा सूर्य रेखा को स्पर्श कर नीचे की ओर जाए तो अनमेल विवाह होता है।
14. मंगल रेखा से आकर कोई रेखा विवाह रेखा को स्पर्श करे तो विवाह सुख नहीं मिलता।
पर्वत और विवाह रेखा
1. यदि बुध पर्वत पर विवाह रेखा कई भागों में बंट जाए तो कई बार सगाई टूटती है।
2. चंद्र पर्वत से कोई रेखा आकर विवाह रेखा से मिले तो व्यक्ति भोगी एवं कामुक होता है।
3. शुक्र पर्वत से कोई रेखा निकलकर विवाह रेखा को स्पर्श करे तो वैवाहिक जीवन दुखमय हो जाता है।
4. यदि विवाह रेखा सूर्य पर्वत की ओर जाए तो व्यक्ति का प्रेम संबंध ऊंचे घराने की स्त्रियों से होता है।
5. यदि विवाह रेखा से कोई रेखा निकलकर शुक्र पर्वत को स्पर्श कर ले तो पत्नी में चारित्रिक दोष हो सकता है।
6. विवाह रेखा पर फोर्क हो, शुक्र पर्वत उभार लिए हुए हो, मस्तक रेखा जंजीरनुमा हो, शुक्र मुद्रिका दोहरी हो एवं कटी हो तथा हृदय रेखा में यव हो तो जातक रसिकमिजाज का होता है।