मकर संक्रांति के दिन ही गंगाजी भगीरथ के पीछे-पीछे चलकर कपिल मुनि के आश्रम से होकर सागर में जा उनसे मिली थीं। यह भी कहा जाता है कि गंगा को धरती पर लाने वाले महाराज भगीरथ ने अपने पूर्वजों के लिए इस दिन तर्पण किया था। उनका तर्पण स्वीकार करने के बाद इस दिन गंगा समुद्र में जाकर मिल गई थीं इसलिए मकर संक्रांति पर गंगासागर (कोलकाता : प. बंगाल) में मेला लगता है।
यह करें विशेष
दान करने का अनंत गुना फल मिलता है। इस दिन तिल, कंबल, सर्दियों के वस्त्र, आंवला, धन-धान्य आदि का दान करें व नदी में स्नान करें।