shani ki vakri chal ka prabhav 2025: 13 जुलाई 2025 को रविवार सुबह 09:36 पर शनि मीन राशि में वक्री हो गए हैं। शनि देव यहां पर 28 नवंबर 2025 को सुबह 09:20 तक वक्री अवस्था में रहेंगे। वक्री शनि का 12 राशियों में से 4 पर बुरा, 4 पर मिश्रित और 4 पर अच्छा प्रभाव रहेगा। जानिए कि आपकी कौनसी राशि है।
बचकर रहें ये 5 राशियां:-
1. मेष राशि: 29 मार्च से आपकी राशि पर शनि की साढ़ेसाती प्रारंभ हुई है। हालांकि साढ़ेसाती का आप पर प्रभाव अच्छा रहेगा लेकिन वक्री चाल में यदि आपके कर्म अच्छे हैं तो फल अच्छा मिलेगा और यदि बुरे हैं तो बुरा। फिर भी आपको इस दौरान सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि वर्तमान में यह आपके द्वादश भाव में वक्री हो रहे हैं। नौकरी में अपने व्यवहार और वाणी पर संयम रखें। आपको अपने रिश्तों को लेकर भी सावधानी रखना होगी। हालांकि गुरु के कारण आपको लाभ ही मिलेगा।
2. मिथुन राशि: दसवें भाव में शनि का गोचर आमतौर पर अच्छा नहीं माना जाता लेकिन यह वक्री हुआ है तो मिश्रित परिणाम दे सकता है। इसलिए आपको संभलकर कार्य करना होगा। खासकर नौकरी और व्यापार में सोच समझकर रहना होगा। दशम भाव में शनि नौकरी या व्यवसाय में व्यवधान देने वाला माना गया है। यह आपके सुख में कमी ला सकता है।
3. कन्या राशि: सातवें भाव में शनि का गोचर आमतौर पर अच्छा नहीं माना जाता है। इसका यहां वक्री होना भी अच्छा नहीं माना गया है। इसलिए जीवनसाथी से संबंध को लेकर और साझेदारी के व्यापार को लेकर सतर्क रहें। यह नौकरी में भी समस्या पैदा कर सकता है। विवादों से दूर रहें। खान-पान पर संयम रखें।
4. वृश्चिक राशि: आपकी कुंडली के पांचवें भाव में शनि का वक्री होना शुभ नहीं है। यह संतान और संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। यह इस अवधि में आपके सोचने की क्षमता कुछ हद तक बाधित कर सकता है। इसके कारण निर्णय लेने की क्षमता कमजोर होगी।। कारोबारी हैं या नौकरीपेशा आपको महत्वपूर्ण योजनाओं को बनाने में अधिक सावधानी रखना होगी। खानपान पर भी संयम रखना होगा।
5. धनु राशि: आपकी कुंडली के चौथे भाव में शनि का वक्री होना सुख और सुविधानों में कमी ला सकता है। वैसे भी चंद्र कुंडली के अनुसार, चतुर्थ भाव में शनि के गोचर को शनि की ढैया कहा जाता है। अत जीवन में थोड़े उतार-चढ़ाव आ सकते हैं। नौकरी में स्थानांतर हो सकता है या घर बदलने की नौबत आ सकती है। रिश्तेदार या पड़ोसी किसी बात को लेकर कुछ नाराज रह सकते हैं। इस अवधि में वाहन सावधानी से चलाएं।
इन 4 राशियों को मिलेगा लाभ:
1. वृषभ राशि: शनि की उल्टी चाल आपकी कुंडली के एकादश भाव में होगी। यह अचानक से आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगा। कार्यक्षेत्र में लाभ होगा। भाग्य का सितारा बुलंदी पर रहेगा। जिस काम में भी आप हाथ डालेंगे वो सफल होगा। धन संबंधी समस्या दूर होगी। आपको आपकी मेहनत का पूर्ण लाभ प्राप्त होगा। यदि नई नौकरी की तलाश कर रहे हैं तो ये 138 दिन आपके लिए बेहतर साबित होंगे।
2. कर्क राशि: आपकी कुंडली के नवम भाव में शनि की उल्टी चाल रहेगी जोकि कार्यक्षेत्र में उन्नति दिलाएगी। वैसे 29 मार्च 2029 से ही आप पर से शनि की ढैया का प्रभाव समाप्त हो चला है इसलिए शनि का वक्री होना लाभकारी साबित होगा। आपके रुके हुए कार्य अब पूरे होने लगेंगे। 138 दिनों तक कार्य क्षेत्र में भी कर्क राशि वालों का प्रभाव बढ़ सकता है तथा इनको नौकरी के नए अवसर प्राप्त हो सकते हैं एवं पदोन्नति की भी पूरी संभावना है। कर्क राशि वालों का शत्रु पक्ष निर्बल रहेगा तथा इनका नए मकान बनने या प्रतिष्ठान खड़ा करने का योग प्रारंभ हो जाएगा।
3. तुला राशि: आपकी कुंडली के चौथे तथा पांचवें भाव के स्वामी गुरु का छठे भाव में वक्री गोचर होगा। छठे भाव में शनि ग्रह का गोचर अच्छे परिणाम दे सकता है। हालांकि सफलता प्राप्त करने के लिए आपको कड़ी मेहनत करना होगी। कहीं से अचानक धन या संपत्ति की प्राप्ति हो सकती है।
4. मकर राशि: आपकी शनि की साढ़ेसाती पहले ही समाप्त हो चुकी है और अब समय आपके अनुकूल है। शनि का गोचर तीसरे स्थान पर होने के कारण पराक्रम खूब करेंगे और यह तय है कि आपको आपकी मेहनत का फल जरूर मिलेगा। नौकरी में आगे बढ़ने से आपको कोई नहीं रोक सकता। कारोबारी है तो तगड़ा मुनाफा होगा। यात्रा के योग लगते रहेंगे। 138 दिनों तक पारिवारिक माहौल भी काफी बढ़िया रहेगा। ऐसे में सभी तरह के अटके या बिगड़े कार्य धीरे-धीरे पूर्ण होने लगेंगे। समाज में आपका मान-सम्मान बढ़ेगा। आपका आत्म विश्वास भी बढ़ जाएगा। अचानक से अपार धन लाभ मिलेगा। कारोबार करने वाले जातकों के लिए साल 2025 बहुत ही फायदे वाला साल साबित होगा। मान-सम्मान की प्राप्ति होगी।
इन 3 राशियों को मिलेंगे मिश्रित परिणाम:
1. सिंह राशि: आपकी कुंडली के छठे तथा सातवें भाव के स्वामी गुरु का आठवें भाव में वक्री गोचर होगा। जीवन में कठिनाइयां तो होगी लेकिन आप मार्ग को सुगम बनाने की क्षमता हासिल कर पाएंगे। यदि क्रोध रहा तो कुछ मामलों में समस्याएं बढ़ सकती हैं। पेट संबंधी परेशानी हो सकती है। आर्थिक और पारिवारिक मामलों में सतर्कता से काम लेना होगा।
2. कुंभ राशि: आपकी कुंडली के लग्न और बारहवें भाव के स्वामी गुरु का दूसरे भाव में वक्री गोचर होगा। धन संबंधी परेशानी हो सकती है। घर-परिवार में अशांति रह सकती है। अधिक धन खर्च होगा और इसी के कारण तनाव भी रहेगा। इसलिए व्यर्थ का खर्च न करें। घर परिवार के लोगों से संबंध अच्छा बनाकर रखें।
3. मीन राशि: आपकी कुंडली के एकादश भाव और व्यय भाव यानी द्वादश भाव के स्वामी शनि आपके प्रथम भाव में वक्री हो रहे हैं। आपकी कुंडली में शनि का गोचर साढ़ेसाती का दूसरा चरण चल रहा है। सेहत का ध्यान रखें और खानपान पर ध्यान दें। शारीरिक तथा मानसिक रूप से स्वस्थ और प्रसन्न रहने का प्रयास करें। पारिवारिक मामले में जिम्मेदारी से काम करें। इन सावधानियों को अपनाने से शनि मीन राशि में वक्री के दौरान आपको मिलने वाले परिणाम यथावत बने रह सकते हैं।