* मंगल दोष से पीड़ित जातक करें मांगलिक ग्रह शांति के शास्त्रोक्त उपाय...
यदि किसी जातक की कुण्डली में मंगल दोष उपस्थित हो तो अक्सर उसके विवाह में अड़चन आती हैं, परंतु प्राचीन सिंधु ग्रंथ में इससे बचने के उपाय दिए गए हैं, जो इस प्रकार की अड़चनों व कठिनाईयों से पार पाने में सहायता कर मंगल दोष का शमन करते हैं। धर्म सिंधु ग्रंथ में तत्संबंध में अर्क-विवाह (लड़के के लिए) एवं कुंभ विवाह (लड़की के लिए) कराना चाहिए।
विवाह से पहले किए जाने वाले उपाय : लड़कियों के लिए कुंभ विवाह, विष्णु विवाह और अश्वत्थ विवाह मंगल दोष के सबसे अधिक प्रचलित उपाय हैं।
अश्वत्थ विवाह (पीपल पेड़ से विवाह)- गीता में लिखा 'वृक्षानाम् साक्षात अश्वत्थोहम्ं' अर्थात वृक्षों में मैं पीपल का पेड़ हूं। अश्वत्थ विवाह अर्थात पीपल या बरगद के वृक्ष से विवाह कराकर, विवाह के पश्चात उस वृक्ष को कटवा देना।
चूंकि यह प्रतीकात्मक विवाह होता है तो इसके लिए पीपल का छोटा पौधा भी उपयोग में लाया जा सकता है। परंतु ध्यान रहे कि कई बार अश्वत्थ विवाह केले, तुलसी, बेर आदि के पेड़ से भी करवाएं जाते हैं, जो शास्त्रसम्मत नहीं हैं।
विष्णु प्रतिमा विवाह- ये भगवान विष्णु की स्वर्ण प्रतिमा होती है, जिसका अग्नि उत्तारण कर प्रतिष्ठा पश्चात वैवाहिक प्रक्रिया संकल्पसहित पूरी करना शास्त्रोक्त है।
कुंभ विवाह : इसी तरह किसी कन्या के मंगल दोष होने पर उसका विवाह भगवान विष्णु के साथ कराया जाता है। इस कुंभ या कलश में विष्णु स्थापित होते हैं।
लड़कों के लिए मंगलदोष शमन के उपाय :
जब चंद्र-तारा अनुकूल हों, तब तथा अर्क विवाह शनिवार, रविवार अथवा हस्त नक्षत्र में कराना ऐसा शास्त्रमति है। मान्यता है कि किसी भी जातक (वर) के कुंडली में इस तरह के दोष हों, तो सूर्य कन्या अर्क वृक्ष से विवाह करना, अर्क विवाह कहलाता है। मान्यता है कि अर्क विवाह से दाम्पत्य सुखों में वृद्धि होती है और वैवाहिक विलंब दूर होता है।
इसके अलावा अन्य आसान उपाय जो विवाह पूर्व किए जाते हैं, इस प्रकार हैं :-
* केसरिया गणपति अपने पूजा गृह में रखें एवं रोज उनकी पूजा करें।
* ॐ हनुमान जी की पूजा करें और हनुमान चालीसा का पाठ करें।