हथेली में विवाह रेखा हमारे दांपत्य जीवन के सुख और दुख को दर्शाती है। विवाह रेखा देखते वक्त विवाह रेखा के साथ अन्य रेखाओं के मिलने या क्रास करने के संबंध में अलग फलित होता है उसी तरह वैवाहिक सुख के लिए हथेली में चंद्र, शनि, मंगल, गुरु और शुक्र पर्वत को भी जानकर यह पता लगाया जाता है कि आखिर पति पत्नी का जीवन कैसा होगा। आओ जानते हैं कि विवाह रेखा का पर्वतों से क्या है संबंध।
5. शुक्र : यदि विवाह रेखा से कोई रेखा निकलकर शुक्र पर्वत को स्पर्श कर ले तो पत्नी में चारित्रिक दोष हो सकता है, परंतु सिर्फ इसी आधार पर यह तय नहीं होता है। इसके लिए संपूर्ण हाथ का विश्लेषण भी जरूरी है।
6. शुक्र : विवाह रेखा पर फोर्क हो, शुक्र पर्वत उभार लिए हुए हो, मस्तक रेखा जंजीरनुमा हो, शुक्र मुद्रिका दोहरी हो एवं कटी हो तथा हृदय रेखा में यव हो तो जातक रसिकमिजाज का होता है।
नोट : उक्त बातें हस्तरेखा के ग्रंथ पर आधारित है। कई बातों का विश्लेषण सिर्फ पर्वत देखकर नहीं हो सकता। वैवाहिक सुख के लिए हथेली में चंद्र, शनि, मंगल, गुरु और शुक्र पर्वत तथा अन्य रेखाओं की स्थिति भी विचारणीय रहती है। अत: मात्र विवाह रेखा से कोई परिणाम नहीं निकाला जा सकता। अत: यहां दी गई जानकारी के पूर्व आप अपना हाथ किसी हस्तरेखा विशेषज्ञ को दिखाकर ही कोई निर्णय लें।