सूर्य की एक परिक्रमा में सूर्य के चारों ओर घूमते हुए ग्रहों की ऐसी स्थिति बनती है, जब दो ग्रह एक सीध में आ जाते हैं, तब पृथ्वी से देखने पर दो ग्रह एक दूसरे को स्पर्श करते हुए प्रतीत होते हैं।
इस घटना को सूर्यास्त के बाद पश्चिम दिशा में बिना किसी उपकरण के सीधे आंखों से भी देखा जा सकता है। चन्द्रमा की उपस्थिति के कारण इसे आकाश में ढूंढ पाना आसान होगा। चमकीले बिंदु के रूप में मंगल और शुक्र एक दूसरे को स्पर्श करते हुए दिखाई देंगे। पश्चिम दिशा में 12-13 जुलाई के बाद भी इस दोनों ग्रहों को एक दूसरे से दूर जाता हुआ देखा जा सकता है। यह अद्भुत नजारा आसमान साफ होने की स्थिति में सूर्यास्त के बाद पश्चिमी आकाश में क्षितिज पर दिखाई देगा।