नरेंद्र मोदी को पता है कि अलफासा ने 52 साल पहले ही कर दी थी पाकिस्तान के टुकड़े-टुकड़े होने की भविष्यवाणी?

WD Feature Desk

सोमवार, 5 मई 2025 (13:22 IST)
वर्तमान में सोशल मीडिया पर महर्षि अरविंद और उनकी शिष्या मीरा अलफासा की पाकिस्तान के टुकड़े टुकड़े होकर भारत में मिलने की भविष्यवाणी वायरल हो रही है। कहा जा रहा है कि सन् 1918 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऑरोवैली आश्रम में गए थे तो वे उस नक्शे को बहुत देर तक देखते रहे थे जो मीरा ने लगा रखा था। जानिए पूरी खबर विस्तार से।ALSO READ: भारत कब करेगा पाकिस्तान पर हमला, जानिए ज्योतिष की सटीक भविष्यवाणी
 
मीरा अलफासा का जन्म 1878 में फ्रांस के पेरिस में एक यहूदी परिवार में हुआ था। उनके पिता टर्किस यहूदी मरिस तथा माता माथिलडे इजिप्टियन थीं। बचपन से ही उन्हें ऐसे अध्यात्मिक अनुभव होते थे जिन पर विश्वास करना मुश्लिक है। उनके सपने में श्रीकृष्‍ण आते थे और उस वक्त वह किसी को बता नहीं पाती थी कि यह कौन है। क्योंकि वह सनातन धर्म और श्रीकृष्‍ण के बारे में कुछ नहीं जानती थीं। जब वह बड़ी हुई तब उन्हें पता चला कि यह तो हिंदू धर्म के भगवान श्रीकृष्‍ण हैं।
 
फिर जब वर्ष 1924 में वह अपने पति के साथ भारत के पांडिचेरी आश्रम में महर्षि अरविंद से मिली तो उन्हें उनमें श्रीकृष्‍ण के दर्शन हुए। जिन्हें वह अपने सपनों में देखा करती थी। इसके बाद वह धीरे धीरे अरविंद से जुड़ने के बाद उनके आश्रम की साधिका बन गई और वह पूर्णत: हिंदू सनातन धर्म को फॉलो करने लगी। 
 
बताते चले कि स्वयं महर्षि अरविंद को साल 1910 में जब वे जेल में थे तो उन्हें भगवान श्रीकृष्‍ण के दर्शन हुए थे और उन्हें विवेकानंद की आत्मा का भी साक्षात्कार हुआ था। इसके बाद ही उन्होंने क्रांतिकारी का मार्ग छोड़कर अध्यात्म का मार्ग अपना लिया था।ALSO READ: क्या भारत POK पर करेगा हमला? क्या कहते हैं ग्रह नक्षत्र और वायरल भविष्यवाणी
 
सन् 1914 में मीरा नामक फ्रांसीसी महिला की पांडिचेरी में अरविंद से पहली बार मुलाकात हुई। जिन्हें बाद में अरविंद ने अपने आश्रम के संचालन का पूरा भार सौंप दिया। यानी 1920 में वह अरविंदो आश्रम की मार्गदर्शक बन गई थीं। अरविंद और उनके सभी अनुयायी उन्हें आदर के साथ 'मदर' और श्री मां कहकर पुकारने लगे। वे अरविंद के पुदुचेरी आश्रम में रहती थीं।
 
श्रीमा को अरविंद ने योग, ध्यान और भक्ति की शिक्षा देती थी। वे खूब साधना करती थीं। यहीं पर उन्हें अरविंद की तरह की दिव्य अनुभूति होने लगी थी। महर्षि अरविंद को पहले से ही यह पता था कि भारत 1947 में आजाद होगा। इसी दिन महर्षि अरविंद का जन्म भी हुआ था। कहा जाता है कि भारत जब आजाद हुआ था तक उसके ठीक एक दिन पहले यानी 14 अगस्त को ही महर्षि अरविंद ने पाकिस्तान के टूटने और उसके फिर से भारत में मिलने की भविष्यवाणी कर दी थी। अपने रेडियो संदेश में महर्षि अरविंद ने कहा था कि भारत आज जरूर विभाजित हो रहा है लेकिन वह दिन भी दूर नहीं जब पाकिस्तान फिर से भारत का हिस्सा होगा। भारत फिर से एक अखंड राष्ट्र के रूप में दुनिया के नक्शे पर आएगा। भविष्य में पुरी दुनिया में सनातन धर्म की पताका फहराएगी।
 
महर्षि अरविन्द की भविष्यवाणी को ही आगे बढ़ाते हुए साल 1973 में यानी 52 साल पहले द मदर यानी श्री मां मीरा अलफासा ने पाकिस्तान के टुकड़े होकर बांग्लादेश के निर्माण के बाद कहा था कि पाकिस्तान अभी और कई टुकड़ों में टूटेगा और इन सारे टुकड़ों को धीरे धीरे भारत में ही मिला दिया जाएगा। एक बार फिर से भारत एक अखंड राष्ट्र बनेगा। उल्लेखनीय है कि श्री मां मीरा अलफासा अपने कमरे में अखंड भारत का ही नक्क्षा लगाती थीं। जब वर्ष 2018 में मदर के द्वारा स्थापित किए गए ऑरोवैली आश्रम में पहुंचे थे तो उन्होंने इस नक्क्षे को देखा था। आश्रम के लोगों ने उन्हें बताया था कि किस तरह महर्षि अरविंद और मदर ने भारत के अखंड राष्ट्र बनने की बात कही थी। 

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