आज मित्र सप्तमी, नंदा सप्तमी का शुभ दिन, जानिए महत्व

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Mitra n Nanda Saptami
 

आज, 10 दिसंबर 2021 को मित्र सप्तमी और नंदा सप्तमी पर्व (Mitra Saptami 2021) मनाया जा रहा है। यह पर्व मित्र सप्तमी के लिए खास कर सूर्य पूजन lord surya worship का पर्व माना गया है। इस दिन नंदा सप्तमी व्रत का भी अधिक महत्व हैं, क्योंकि यह व्रत देवी पार्वती के ही नंदा स्वरूप के पूजन करने वाला माना गया है। आज के दिन सूर्यदेवता को तांबे के लोटे में जल लेकर उसमें लाल चंदन, लाल पुष्प, अक्षत डालकर अर्घ्य देना लाभदायी माना गया है। 
 
मित्र सप्तमी पर सूर्य मंत्र 'ॐ सूर्याय नम:, ॐ घृ‍णिं सूर्य्य: आदित्य:' का जाप करना शुभकारी है। वैसे तो सूर्यदेव के अनेक नाम हैं, जिनमें उन्हें मित्र नाम से भी संबोधित किया जाता है। इसलिए मार्गशीर्ष सप्तमी को मित्र सप्तमी के नाम से जाना जाता है। मान्यतानुसार जो व्यक्ति यह व्रत करता है उसे सूर्यदेव चर्म रोग, नेत्र ज्योति आदि रोगों से निजात दिलाकर आरोग्य और ऐश्वर्य प्रदान करते हैं। 
 
मित्र सप्तमी के दिन नदी तट पर सूर्यदेव को जल अर्पित करने का विशेष महत्व है। यह व्रत शत्रु को भी मित्र बना सकता है और जीवन के हर कठिन से कठिन समय को भी आसानी से पार करा देता है। हर मनुष्य को आज के दिन कुछ देर सूर्य की किरणों अवश्य ही ग्रहण करना चाहिए। 
 
आज के दिन माता पार्वती के ही अन्य स्वरूप नंदा देवी की उपासना की मानी जाती है। नवदुर्गा में से एक देवी नंदा भी है और उनका पूजन प्राचीन काल से हिमालय क्षेत्र में किया जाता रहा है। नंदा सप्तमी पर माता पार्वती, श्री गणपति जी और सूर्यदेव का पूजन करके सुखी जीवन का वरदान कोई भी प्राप्त कर सकता हैं। आज 'ॐ पार्वत्यै नम:, ॐ जगद्धात्रयै नम: और ॐ शिवाये नम: (Nanda Saptami Mantra) का जाप करना श्रेष्ठ है। आज के दिन स्वास्थ्य लाभ, नेत्र रोग से बचने के लिए खास तौर पर सूर्य उपासना करना चाहिए। 
 
पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष शुक्ल सप्तमी तिथि का प्रारंभ गुरुवार, 9 दिसंबर को शाम 7.53 मिनट से हो गया और शुक्रवार, 10 दिसंबर को शाम 07.09 मिनट तक यह तिथि सप्तमी जारी रहेगी। आज दिन 11.53 से दोपहर 12.35 तक अभिजित मुहूर्त और दोपहर 1.58 से 02.39 तक विजय मुहूर्त में पूजन करना अतिशुभ रहेगा। 
 
Sun Worship
- आरके. 

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