।।ॐ नवकुलाय विद्महे, विषदन्ताय धीमहि तन्नो सर्प प्रचोदयात।।
संपूर्ण पृथ्वी का भार संभालने वाले शेषनाग व भगवान शिवजी के गले में शोभायमान नाग महाराज को हमारे पूर्वज, देव, दानव व किन्नर सभी पूजते हैं। नाग महाराज का पूजन करने से समस्त प्रकार के कष्ट खत्म हो जाते हैं।
जिस व्यक्ति को राहु-केतु की दशा या महादशा चल रही हो, कालसर्प दोष हो उस जातक को प्रसिद्ध शिवलिंग पर नाग-नागिन का चांदी अथवा पंचधातु का जोड़ा चढ़ाना चाहिए। समस्त दोषों से मुक्ति मिल जाती है। दोष-निवारण के लिए सिर्फ नागपंचमी पर ही नहीं बल्कि साल भर नाग देवता की राशि अनुसार स्तुति कर सकते हैं -