ऐसे समय कालसर्प योग और शनि की साढ़ेसाती एवं ढैया जिन जातकों को चल रहा हैं, वे शनिदेव के मंत्रों (Shani dev) का जाप, शनि चालीसा (Shani Chalisa), शनि स्त्रोत (Shani Stotram Patha) पाठ तथा महाकाल शनि मृत्युंजय स्त्रोत (Mahakal Shani Mrutunjay Stotra) को अवश्य पढ़ें इससे आपको मानसिक शांति का अनुभव होगा तथा शत्रु भय से सुरक्षा होने साथ ही भाग्योन्नति भी होगी। इसके साथ ही शनि मंदिर जाकर शनिदेव का पूजन, शनिदेव को काले तिल और तेल चढ़ाना भी उचित रहेगा।
इस मंत्र का 21 दिन में 23 हजार जप करने से तत्काल लाभ मिलेगा।
4. महामृत्युंजय मंत्र (Mahamrityunjaya Mantra)- ॐ त्र्यम्बकम् यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्द्धनं उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।
5. ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनयै नम:।
6. ॐ नमः शिवाय।
इसके अलावा गणेश मंत्र तथा बजरंगबली के मंत्रों का जाप करना बहुत फायदेमंद साबित होगा।