नास्त्रेदमस ने कहा- भारत से निकलेगा दुनिया का मुक्तिदाता, ये होगा उसका नाम

WD Feature Desk

शुक्रवार, 2 मई 2025 (17:14 IST)
हाल ही में भारत के काश्मीर में पहलगाम में इस्लामिक आतंकवादियों ने पर्यटकों पर हमला करके 28 हिंदुओं की हत्या कर दी जिसके चलते भारत और पाकिस्तान में युद्ध के हालात निर्मित हो गए हैं। इस समय कई मोर्चों पर युद्ध हो रहा है। दुनिया इन आतंकवादियों से त्रस्त्र हो चली है। दुनिया के सभी भविष्यवक्ताओं ने 21वीं सदी में भारत के विश्वशक्ति बनने की भविष्यवाणियां की हैं। हालांकि एशिया में सैन्य तनाव अपने चरम पर है। भारत-पाकिस्तान, उत्तर कोरिया-दक्षिण कोरिया, चीन-ताईवान आदि देशों के अलावा बर्मा, बांग्लादेश, श्रीलंका जैसे छोटे देश भी असंतोष की आग में जल रहे हैं। यूक्रेन रशिया और इजरायल हमास का युद्ध चल ही रहा है ऐसे में भारत और पाकिस्तान भी अब लड़ने को तैयार है। हलांकि सभी भविष्यवक्त इस संबंध में यह निश्चत तौर पर कहते हैं कि 21वीं सदी भारत की रहेगी। उसकी शक्ति भूमि, समुद्र और आसमान में बढ़ती जाएगी। उसे कोई रोकने वाला नहीं होगा और सभी चाहेंगे कि वह दुनिया का मुक्तिदाता और शांतिदूत बने। 
 
14 दिसंबर 1503 को फ्रांस में जन्मे नास्त्रेदमस ने अपनी भविष्यवाणियां 100 छंदों के अनेक शतकों में की हैं। ऐसे शतकों की संख्या 12 है जिनमें से अंतिम 2 शतकों के अनेक छंद उपलब्ध नहीं हैं। इन शतकों को 'सेंचुरी' कहा गया है। नास्त्रेदमस ने जो भविष्यवाणी की किताब लिखी है उसे सेंचुरी कहते हैं। भारत के संबंध में उसी से हमने उनकी सभी भविष्‍वाणी निकाल ली है, आप भी पढ़ें इसे।
 
''धर्म बांटेगा लोगों को। काले और सफेद तथा दोनों के बीच लाल और पीले अपने-अपने अधिकारों के लिए भिड़ेंगे। रक्तपात, बीमारियां, अकाल, सूखा, युद्ध और भूख से मानवता बेहाल होगी।'' (vi-10)
 
'27 अक्टूबर 2025 को मेष के प्रभाव में तीसरी किस्म की जलवायु आएगी, एशिया का राजा मिस्र का भी सम्राट बनेगा। युद्ध, मौतें, नुकसान और ईसाइयों की शर्म के हालात बनेंगे।- (3/77 सेंचुरी)।......नास्त्रेदमस के अनुसार तीसरे महायुद्ध की स्थिति सन् 2012 से 2025 के मध्य उत्पन्न हो सकती है। तृतीय विश्वयुद्ध में भारत शांति स्थापक की भूमिका निबाहेगा। सभी देश उसकी सहायता की आतुरता से प्रतीक्षा करेंगे।
 
'एक समय ऐसा आएगा कि जब बेपढ़े लोग पढ़े- लिखों की सभ्यता को तबाह कर देंगे और पुस्तकें वगैरह फूंक डालेंगे। ऐसा दुर्लभ ज्ञान नष्ट कर दिया जाएगा जिसका अधिकांश भाग वापस नहीं पाया जा सकेगा।' (6-17)।.... उपरोक्त भविष्यवाणी को नालंदा और तक्षशिला से जोड़कर देखते हैं। बर्बर आक्रमणकारियों के हमले में भारत के नालंदा, तक्षशिला और विक्रमशिला के विश्‍वविद्यालय नष्ट हो गए थे। 
 
'सागरों के नाम वाला धर्म, चांद पर निर्भर रहने वालों के मुकाबले तेजी से पनपेगा और उसे भयभीत कर देंगे 'ए' तथा 'ए' से घायल दो लोग।' (x-96)।...चांद पर आधारित धर्म एक ही है इस्लाम और दुनिया में जितने भी सागर हैं उनमें से सिर्फ हिन्द महासागर के नाम पर ही एक धर्म है जिसे हिन्दू धर्म कहते हैं। आगे के वाक्य की व्याख्या करना कठिन है़।
 
लाल के खिलाफ एकजुट होंगे लोग, लेकिन साजिश और धोखे को नाकाम कर दिया जाएगा।' 'पूरब का वह नेता अपने देश को छोड़कर आएगा, पार करता हुआ इटली के पहाड़ों को और फ्रांस को देखेगा। वह वायु, जल और बर्फ से ऊपर जाकर सभी पर अपने दंड का प्रहार करेगा।' 
 
सेंचुरी द्वितीय की 12वीं भविष्यवाणी में नास्त्रेदमस लिखते हैं कि 'बंद आंखें एक पुरातात्विक उन्माद को देखेंगी, ईश्वरीय एकांत के वस्त्र उतारने की चेष्टा का एक शासक कठोरता से दमन करेगा और भीड़ के जुनून द्वारा मंदिर पर बलपूर्वक कब्जे की सजा देगा।' 
 
उपरोक्त भविष्‍यवाणी हो सकता है कि घटने वाली है परंतु कई लोग इसे बाबरी ढांचे से जोड़कर भी देखते हैं। यह भविष्यवाणी 1990 में हमें राम जन्मभूमि पर बने बाबरी ढांचे के गर्भगृह में स्थित जन्म स्थान पर कब्जे की याद दिलाती है। इसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने हिन्दुओं को बलपूर्वक वहां से खदेड़ने के आदेश दिए थे जिसके चलते सैकड़ों हिन्दुओं का कत्लेआम किया गया था। कई हिन्दू इस दमन चक्र के चलते सरयू नदी में कूद गए थे जिसके चलते उनकी जान चली गई थी। यह भयानक मंजर आज भी लोगों के जेहन में सुरक्षित है।
 
'एक समय ऐसा भी आएगा कि विश्वव्यापी आग से अधिकांश राष्ट्रों में नरसंहार होगा। ...यह समय कब आएगा इसका संकेत देते हुए वे कहते हैं, 'मेष वृषभ, कर्क, सिंह, कन्या, मंगल, बृहस्पति तथा सूर्य के प्रभाव में होंगे। तब धरती जलने लगेगी, जंगल और शहर यूं तबाह होंगे जैसे मोमबत्ती पर लिखे अक्षर।' (6-35)....... ऐसी ग्रह स्थिति 1994 में उत्पन्न हुई थी। इसके बाद 22 फरवरी 2020 और फिर 28 मई 20121 में उत्पन्न हुई थी। सभी जानते हैं कि इस दौरान कितना भयानक मंजर रहा था। आगे भी यह होगी।
 
'सांप्रदायिकता और श‍त्रुता के एक लंबे दौर के बाद सभी धर्म तथा जातियां एक ही विचारधारा को मानने लगेंगी।' (6-10)। 
 
'17 साल के भीतर 5 पोप बदले जाएंगे तब एक नया धर्म आएगा।'- 5-96।
 
'तीन ओर घिरे समुद्र क्षेत्र में वह जन्म लेगा, जो बृहस्पतिवार को अपना अवकाश दिवस घोषित करेगा। उसकी प्रसंशा और प्रसिद्धि, सत्ता और शक्ति बढ़ती जाएगी और भूमि व समुद्र में उस जैसा शक्तिशाली कोई न होगा।' (सेंचुरी 1-50वां सूत्र) 
 
तीन ओर समुद्र से तो भारत ही घिरा हुआ है। भारत में गुरुवार एक ऐसा वार है जिसे सभी धर्म के लोग समान रूप से मानते हैं। गुरुवार का दिन केवल हिन्दू धर्म में ही पवित्र माना जाता है। इसका कारण यह है कि गुरुवार की दिशा ईशान कोण है और ईशान कोण में ही देवताओं का वास होता है। मुस्लिम धर्म में शुक्रवार को, यहूदियों में शनिवार को और ईसाइयों में रविवार को पवित्र माना जाता है।
 
'पांच नदियों के प्रख्‍यात द्वीप राष्ट्र में एक महान राजनेता का उदय होगा। इस राजनेता का नाम 'वरण' या 'शरण' होगा। वह एक शत्रु के उन्माद को हवा के जरिए समाप्त करेगा और इस कार्रवाई में 6 लोग मारे जाएंगे।' (सेंचुरी v-27)
 
भारत में वैसे तो कई प्रसिद्ध नदियां हैं- गंगा, यमुना, सरस्वती, गोदावरी, नर्मदा, कावेरी, ब्रह्मपुत्र, कृष्णा आदि, लेकिन पंजाब ऐसा क्षेत्र है जिसे 5 नदियों की भूमि भी कहा जाता है। पंजाब अर्थात जहां 5 नदियां बहती हों। पूर्व में इसे पंचनद प्रदेश भी कहा जाता था। पंजाब प्राचीनकाल से धरती की राजनीति का मुख्य केंद्र भी रहा है। ये 5 नदियां हैं- सतलुज, ब्यास, रावी, चिनाब और झेलम। इन पांचों नदियों का उल्लेख वेदों में भी मिलता है। तो क्या पंजाब से होगा महान राजनेता? पंजाब के इतिहास को देखें तो गुरुनानक देव, गुरु तेगबहादुर, गुरु गोविंदसिंह जैसी महान विभूतियों का इसी क्षेत्र से ताल्लुक है।
 
8. 'शीघ्र ही पूरी दुनिया का मुखिया होगा महान 'शायरन' जिसे पहले सभी प्यार करेंगे और बाद में वह भयंकर व भयभीत करने वाला होगा। उसकी ख्याति आसमान चूमेगी और वह विजेता के रूप में सम्मान पाएगा।' (v-70) 
 
...'एशिया में वह होगा, जो यूरोप में नहीं हो सकता। एक विद्वान शांतिदूत सभी राष्ट्रों पर हावी होगा।' (x-75)।
 
उक्त भविष्यवाणी से लगता है कि उस 'महापुरुष' का नाम 'श' से शुरू होगा। 'वरण' या 'शरण' जैसे नाम तो भारत में ही होते हैं, लेकिन 'शायरन' नाम जरूर अजीब है। नास्त्रेदमस ने अंग्रेजी में cheyren लिखा है। इस दौरान 'एलस' नाम से एक और व्यक्ति होगा जिसकी बर्बरता के बारे में लिखा गया है- 'उसका हाथ अंतत: खूनी एलस (ALUS) तक पहुंच जाएगा। समुद्री रास्ते से भागने में भी नाकाम रहेगा। 2 नदियों के बीच सेना उसे घेर लेगी। उसके किए की सजा क्रुद्ध काला उसे देगा।' -(6-33)
 
'पैगंबर के कुल नाम के अंतिम अक्षर से पहले के नाम वाले सोमवार को अपना अवकाश दिवस घोषित करेगा। अपनी सनक में वह अनुचित कार्य भी करेगा। जनता को करों से आजाद कराएगा।' (1-28) 
 
...पैगंबर तो एक ही हैं मुहम्मद। उनके कुल का नाम हाशमी था। हाशमी के अंतिम अक्षर के पहले 'श' यानी जिस नेता के प्रादुर्भाव की बात कही जा रही है उसका नाम 'श' से शुरू होना चाहिए। यदि हम कुल का नाम न मानें तो मुहम्मद के अंतिम अक्षर के नाम के पहले 'म' आता है।
 
नास्त्रेदमस की भविष्यवाणियों के ज्ञाता महाराष्ट्र के ज्योतिषाचार्य डॉ. रामचन्द्र जोशी ने इस पर मराठी में एक पुस्तक लिखी है जिसमें वे नास्त्रेदमस की सेंचुरी का हवाला देते हुए लिखते हैं कि 'ठहरो स्वर्णयुग (रामराज्य) आ रहा है। एक अधेड़ उम्र का औदार्य (उदार) अजोड़ अधाप महासत्ता अधिकारी भारत ही नहीं, सारी पृथ्वी पर स्वर्ण युग लाएगा और अपने सनातन धर्म का पुनरुत्थान करके यथार्थ भक्ति मार्ग बताकर सर्वश्रेष्ठ हिन्दू राष्ट्र बनाएगा। तत्पश्चात ब्रह्मदेश, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, तिब्बत, अफगानिस्तान, मलाया आदि देशों में वही सार्वभौम धार्मिक नेता होगा। सत्ताधारी चांडाल-चौकड़ियों पर उसकी सत्ता होगी। वह नेता 'शायरन' दुनिया की आशा मालूम होता है, बस देखते रहो।'

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