Som Pradosh Vrat 2024 : हिन्दू कैलेंडर के अनुसार नवंबर माह का पहला प्रदोष व्रत जहां कार्तिक शुक्ल पक्ष में 13 तारीख को पड़ा था, वहीं नवंबर का दूसरा प्रदोष व्रत मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर 28 नवंबर 2024, दिन सोमवार को रखा जाएगा। साथ ही सोमवार को शिव जी के पूजन का दिन होने के कारण इस व्रत का महत्व अधिक बढ़ गया है। धार्मिक शास्त्रों में मार्गशीर्ष माह का विशेष महत्व माना गया है। बता दें कि मार्गशीर्ष महीने का दूसरा प्रदोष व्रत 13 दिसंबर को रखा जाएगा।
Highlights
कब है मार्गशीर्ष माह का पहला प्रदोष व्रत?
प्रदोष व्रत का धार्मिक महत्व
अगहन मास के पहले प्रदोष व्रत के बारे में जानें।
आइए यहां जानते हैं अगहन महीने के दूसरे प्रदोष व्रत के पूजन विधि और लाभ के बारे में खास जानकारी....
• सोम प्रदोष के दिन व्रतधारी को सुबह स्नानादि के पश्चात स्वच्छ वस्त्र धारण करके भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए।
• पूजन के समय भगवान शिव, माता पार्वती और नंदी का पंचामृत व गंगा जल से स्नान करें।
• अब बिल्व पत्र, गंध, चावल, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य, फल, पान, सुपारी, लौंग और इलायची चढ़ाएं।
• साथ ही शिव जी के मंत्र- 'ॐ सों सोमाय नम:' या 'ॐ नम: शिवाय' का जाप करें।
• त्रयोदशी तिथि के दिन प्रदोष काल में यानि सूर्यास्त से 3 घड़ी पूर्व पुन: शिव जी का पूजन करना चाहिए।
• अत: सायं प्रदोष के समय पुन: स्नान करके स्वच्छ धुले हुए वस्त्र धारण करके इसी तरह से शिव जी की पूजा करें।
• फिर घी और शकर मिले मिष्ठान्न अथवा मिठाई का भोग लगाएं।
• अब आठ दीपक आठ दिशाओं में जलाएं।
• इसके बाद शिव जी की आरती करें।
• इस व्रत के दिन रात्रि जागरण करें।
प्रदोष व्रत करने के 10 लाभ जानिए :
1. इस व्रत से जीवन से नकारात्मकता दूर होती है।
2. प्रदोष व्रत से जीवन के हर क्षेत्र में सफलता मिलती है।
3. इस व्रत से ग्रह दोष दूर होकर ग्रहों की शांति होती है।
4. प्रदोष व्रत के दिन मात्र फलाहार करने से चंद्र दोष दूर होकर बुरे प्रभाव नष्ट होते हैं।
5. यह व्रत करने से जीवन में हमेशा धन, सुख-समृद्धि बनी रहती है।
6. शत्रु का विनाश होता है तथा समस्त संकट दूर हो जाते हैं।
7. प्रदोष व्रत में भगवान शिव का परिवार सहित पूजन करने से भाग्य जागृत होता है।
8. प्रदोष व्रत से पितृओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
9. यह व्रत आर्थिक संकटों से भी मुक्ति दिलाने में कारगर है।
10. प्रदोष व्रत परम कल्याणकारी होने के कारण इस व्रत से सुख-समृद्धि, संतान प्राप्ति तथा घर अन्न-धान्य से भरा रहता है।
मान्यतानुसार इस तरह व्रत करने वालों की समस्त इच्छा पूर्ण होती है तथा जीवन में शुभ फल मिलते है।
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