मूलांक 9 के लोग कैसे होते हैं? 9, 18 और 27 तारीख के लोगों में होता है अंतर

हंसा केवलिया पंडित
अंत में अब हम बात करेंगे 9 मूलांक की। 9 मूलांक वाले जातकों का स्वामी मंगल होता है।  इन्हें हनुमान जी की आराधना फलदायक है। क्योंकि इन पर मंगल का प्रभाव होने से यह क्रोधी स्वभाव के होते हैं। इन्हें लाल रंग का उपयोग करना चाहिए। मंगल इनका स्वामी होने की वजह से यह अत्यधिक ऊर्जावान होते हैं।   किसी भी विकट परिस्थिति का सामना करने में यह पीछे नहीं हटते। 
 
किसी भी समस्या का समाधान ढूंढ लेते हैं। निडर होते हैं इसी वजह से पुलिस विभाग में देखे जाते हैं। इनकी इच्छा के विरुद्ध इनसे कुछ भी नहीं करवाया जा सकता। अगर हम मूलांक की यात्रा देखें तो यह सबसे आखरी नंबर है। माना गया है 9 नंबर पर आकर इंसान की यात्रा पूर्ण हो जाती है। इसीलिए इसे पूर्ण नंबर माना गया है। मंगल वाले जातक बहुत साहसी होते हैं। कभी-कभी इन्हें अपने क्रोधी स्वभाव और दुस्साहस की वजह से परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है।  
 
थोड़े जिद्दी होते हैं किंतु मन से बड़े निर्मल भी होते हैं। किसी की समस्या को देखकर द्रवित हो जाते हैं। 9 मूलांक वालों को पितरों की आराधना भी करना चाहिए।  इन जातकों को चाहिए कि ये अति क्रोध से बचें। इन्हें प्रकृति के सानिध्य में रहना चाहिए।  कोशिश करें कि दिन में 15 मिनट हरी घास पर चलें। इन्हें पेट से संबंधित रोग हो सकते हैं।  
 
 नाभि पर काली मिट्टी लगाने से लाभ होगा। विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना चाहिए।  हो सके तो वर्ष में 2 बार हनुमान जी को चोला चढ़ाना चाहिए। किसी भी महीने की 9, 18 और 27 तारीख को जन्मे जातक का मूलांक 9 होगा किंतु 18 तारीख में जन्मे जातकों पर 1 नंबर सूर्य और 8 नंबर शनि का प्रभाव देखा जाता है।  
 
चुंकि सूर्य और शनि में परस्पर नहीं बनती अतः इस तारीख में जन्म लेने वाले जातक को हनुमान जी की जितनी हो सके आराधना करना चाहिए। ऐसे ही 27 तारीख में जन्म लिए हुए जातक पर 2 नंबर चंद्र और 7 नंबर केतु का प्रभाव देखा गया है। ऐसे जातकों को मछलियों को आटे की गोली बनाकर डालना चाहिए। 
ज्योतिषाचार्य हंसा केवलिया पंडित विगत 30 वर्षों से टैरो कार्ड, न्यूमरोलॉजी, ज्योतिष और वास्तु के क्षेत्र में कार्यरत हैं। अपने लंबे अनुभव के आधार पर समस्या का समाधान करती हैं। कई सम्मान से नवाजी जा चुकी हैं। संपर्क : sharda1624@gmail.com

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