पाक्षिक-पंचांग : 13 अक्टूबर को मनेगी शरद पूर्णिमा

'वेबदुनिया' के पाठकों के लिए 'पाक्षिक-पंचाग' श्रंखला में प्रस्तुत है आश्विन शुक्ल पक्ष का पाक्षिक पंचांग-
 
'पाक्षिक-पंचांग': आश्विन शुक्ल पक्ष

संवत्सर- परिधावी
संवत्- 2076 शक संवत् :1941
माह-आश्विन
पक्ष-शुक्ल पक्ष (29 सितंबर से 13 अक्टूबर तक)
ऋतु: शरद
रवि: दक्षिणायणे
गुरु तारा- उदित स्वरूप
शुक्र तारा- उदित स्वरूप
सर्वार्थ सिद्धि योग- 29 सितंबर, 3 अक्टूबर, 6 अक्टूबर, 7 अक्टूबर, 12 अक्टूबर
अमृतसिद्धि योग- 29 सितंबर, 2 अक्टूबर
द्विपुष्कर योग- अनुपस्थित
त्रिपुष्कर योग- अनुपस्थित
रविपुष्य योग- अनुपस्थित
गुरुपुष्य योग- अनुपस्थित  
एकादशी- 9 अक्टूबर (पापांकुशा एकादशी व्रत)
प्रदोष- 11 अक्टूबर
भद्रा- 1 अक्टूबर (उदय)- 2 अक्टूबर (अस्त), 5 अक्टूबर (उदय-अस्त), 8 अक्टूबर (उदय)- 9 अक्टूबर (अस्त),12 अक्टूबर (उदय)- 13 अक्टूबर (अस्त)
पंचक: 9 अक्टूबर से प्रारंभ
मूल- 3 अक्टूबर से प्रारंभ- 5 अक्टूबर को समाप्त
पूर्णिमा- 13 अक्टूबर (शरद पूर्णिमा)
ग्रहाचार: सूर्य-कन्या, चंद्र- (सवा दो दिन में राशि परिवर्तन करते हैं), मंगल-कन्या, बुध-तुला, गुरु-वृश्चिक, शुक्र-तुला, शनि-धनु, राहु-मिथुन, केतु- धनु 
व्रत/त्योहार: 29 सितंबर- शारदीय नवरात्रि प्रारंभ (घट स्थापना), 6 अक्टूबर- श्री दुर्गाष्टमी/महानिशा पूजा, 8 अक्टूबर- विजयादशमी/दशहरा (शमी पूजन), 13 अक्टूबर- शरद पूर्णिमा।
 
(निवेदन-उपर्युक्त गणनाओं में पंचांग भेद होने पर तिथियों/योगों में परिवर्तन संभव है।)
 
- ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया 
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केन्द्र 
सम्पर्क: [email protected]
 
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