गुरु तारा- उदित स्वरूप
शुक्र तारा- उदित स्वरूप
सर्वार्थ सिद्धि योग- 20 अप्रैल, 22 अप्रैल, 26 अप्रैल, 27 अप्रैल, 2 मई, 3 मई
गुरुपुष्य योग- अनुपस्थित
एकादशी- 30 अप्रैल (वरूथिनी एकादशी व्रत)
प्रदोष- 2 मई
भद्रा- 21 अप्रैल (उदय)- 22 अप्रैल (अस्त), 25 अप्रैल (उदय-अस्त), 29 अप्रैल (उदय-अस्त), 2 मई (उदय)- 3 मई (अस्त)
पंचक: 28 अप्रैल को प्रारंभ- 3 अप्रैल को समाप्त
मूल- 22 अप्रैल से प्रारंभ- 24 अप्रैल को समाप्त, 2 मई को प्रारंभ- 4 मई समाप्त
अमावस- 4 मई (शनैश्चरी अमावस्या)
ग्रहाचार: सूर्य- मेष, चंद्र- (सवा दो दिन में राशि परिवर्तन करते हैं), मंगल-वृष, बुध-मीन (2 मई की रात्रि से मेष राशि में), गुरु-धनु (वक्रगति संचरण अनुसार 23 अप्रैल से वृश्चिक राशि में), शुक्र-मीन, शनि-धनु, राहु-मिथुन, केतु- धनु।
व्रत/त्योहार: 22 अप्रैल- गणेश चतुर्थी (चंद्रोदय रात्रि 10 बजकर 12 मिनट)
(विशेष- उपर्युक्त गणनाओं में पंचांग भेद होने पर तिथियों/योगों में परिवर्तन संभव है।)