पंचक के अंतर्गत धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तरा भाद्रपद, पूर्वा भाद्रपद व रेवती नक्षत्र आते हैं। इन्हीं नक्षत्रों के मेल से बनने वाले विशेष योग को 'पंचक' कहा जाता है। भारतीय ज्योतिष शास्त्र में पंचक को शुभ नक्षत्र नहीं माना जाता है। इसे अशुभ और हानिकारक नक्षत्रों का योग माना जाता है। इस बार 2 अक्टूबर की सुबह 7 बजकर 14 मिनट से शुरू हुआ पंचक 6 अक्टूबर, शुक्रवार रात्रि 8 बजकर 58 मिनट तक जारी रहेगा।