यदि किसी घर में आय की अपेक्षा खर्च बहुत अधिक होता है, कुटुंब के लोगों के विचार नहीं मिल पाते जिसके कारण घर में झगड़े होते रहते हैं, अच्छी आय होने पर भी घर में बरकत नहीं होती जिसके कारण धन एकत्रित नहीं हो पाता, संतान के विवाह में काफी परेशानियां और विलंब होता है।
पितृदोष कुंडली योग : यदि किसी जातक की कुंडली में पितृदोष होता है तो उसे अनेक प्रकार की परेशानियां, हानियां उठानी पड़ती हैं। घर में कलह, अशांति रहती है। रोग-पीड़ाएं पीछा नहीं छोड़ती हैं। घर में आपसी मतभेद बने रहते हैं। कार्यों में अनेक प्रकार की बाधाएं उत्पन्न होती हैं।
अकाल मृत्यु का भय बना रहता है। संकट, अनहोनियां, अमंगल की आशंका बनी रहती है। संतान की प्राप्ति में विलंब होता है। घर में धन का अभाव भी रहता है। अनेक प्रकार के महादुखों का सामना करना पड़ता है।
क्यों लगता है पितृदोष? : परिवार में किसी की अकाल मृत्यु होने से, अपने माता-पिता आदि सम्माननीय जनों का अपमान करने से, मरने के बाद माता-पिता का उचित ढंग से क्रियाकर्म और श्राद्ध न करने से, उनके निर्मित वार्षिक श्राद्ध न करने से पितरों का दोष लगता है।
इसके फलस्वरूप परिवार में अशांति, वंशवृद्धि में रुकावट, आकस्मिक बीमारी, संकट, धन में बरकत न होना, सारी सुख-सुविधाएं होते हुए भी मन असंतुष्ट रहना आदि पितृदोष का कारण हो सकता है।