खगोलीय घटनाओं में दिलचस्पी रखने वालों के लिए बेहद अहम खबर सामने आई है। दरअसल, साल 2027 में दुनिया ऐतिहासिक पूर्ण सूर्य ग्रहण देखेगी। इस दौरान दोपहर के समय ही आसमान में अंधेरा छा जाएगा। हाल के इतिहास में ऐसा सूर्य ग्रहण कभी नहीं दिखा है और आने वाले करीब 100 वर्ष तक भी नहीं दिखेगा। यह सूर्य ग्रहण अटलांटिक महासागर से शुरू होगा। इसके बाद जिब्राल्टर जलडमरूमध्य, दक्षिणी स्पेन, उत्तरी अफ्रीका से अरब प्रायद्वीप तक नजर आएगा। हालांकि, हिंद महासागर के ऊपर यह धुंधला हो जाएगा।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2025 का दूसरा सूर्य ग्रहण 21 और 22 सितंबर 2025 के दौरान रहेगा। भारतीय ज्योतिष मान्यता के अनुसार खंडग्रास सूर्यग्रहण होगा जो दिनांक 21 सितंबर 2025, दिन रविवार, संवत 2082 की आश्विन कृष्ण पक्ष की अमावस्या को होगा। यह खग्रास सूर्यग्रहण भारतवर्ष में दृश्य नहीं होने से इससे संबंधित समस्त यम, नियम, सूतक, आदि भारतवर्ष में मान्य नहीं होंगे।
अंतिम सूर्य ग्रहण का समापन 22 सितंबर दिन सोमवार को तड़के 3 बजकर 24 मिनट पर होगा। यह सूर्य ग्रहण कुल 4 घंटे 24 मिनट तक रहेगा। उसके बाद सूर्य ग्रहण का मोक्ष हो जाएगा। सूर्य ग्रहण के दिन आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि और उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र है। उस दिन शुक्ल योग और सर्वार्थ सिद्धि योग भी बनेंगे। यह सूर्य ग्रहण कन्या राशि में लगने वाला है. यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण होगा।