1. शिव पूजा और तर्पण : सुबह स्नान आदि से निवृत्त होकर सूर्यदेव के अर्घ्य देने के पश्चात पितृओं के निमित्त नदी तट पर तर्पण कर्म करें। इसके बाद शिव मंदिर में जाकर एक लोटा सादा जल, कच्चा दूध, गंगाजल, काली तिल, सफेद आंकड़े के पुष्प, बिल्व पत्र, भांग और धतूरा आदि शिवलिंग पर चढ़ाकर भगवान शिव की पूजा विशेष रूप से करें। इसके बाद पितृसूक्त, गजेंद्र मोक्ष, पितृ स्तोत्र, पितृ कवच का पाठ करें और इसके पश्चात कर्पूर जलाकर आरती करें।
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