Nag Panchami 2024: नागपंचमी का त्योहार सावन माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी को मनाया जाता है। सामान्यतः नागपंचमी का पर्व हरियाली तीज के 2 दिनों बाद आता है। इस बार नाग पंचमी का पर्व 9 अगस्त 2024 शुक्रवार को मनाया जाएगा। इस बार नागपंचमी पर 500 साल बाद दुर्लभ योग संयोग बन रहा है।
पंचमी तिथि प्रारम्भ- 09 अगस्त 2024 को रात्रि 12:36 एएम से।
पंचमी तिथि समाप्त- 10 अगस्त 2024 को तड़के 03:14 एएम समाप्त।
अद्भुत योग संयोग: अभिजीत मुहूर्त के साथ ही अमृत काल, रवि योग, शिववास योग, सिद्ध योग, साध्य योग, बव और बालव, करण योगर रहेगा। इसी के साथ ही इस बार नाग पंचमी हस्त नक्षत्र के शुभ संयोग में मनाई जाएगी।
शिववास योग : शिववास योग में भगवान शिव कैलाश पर मां पार्वती के साथ वास करते हैं। इस दौरान शिव, पार्वती, गणेश और कार्तिकेय के साथ नाग देवता की पूजा करने से सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है।
सिद्ध योग : दोपहर 01:46 से सिद्ध योग रहेगा। इसके बाद साध्य योग का निर्माण होगा। सिद्ध और साध्य योग में भगवान शिव की पूजा करने से प्रत्येक कार्य में सफलता प्राप्त होती है।
बव और बालव योग : इस दिन बव और बालव करण का योग भी बन रहा है। इसके बाद बालव करण का निर्माण होने वाला है।
नागपंचमी के दिन घर के मुख्य द्वार पर गोबर, गेरू या मिट्टी से सर्प की आकृति बनाएं और इसकी विधिवत रूप से पूजा करें। इससे जहां आर्थिक लाभ होगा, वहीं घर पर आने वाली काल सर्प दोष से उत्पन्न विपत्तियां भी टल जाएंगी। इसी के साथ ही 'आस्तिक मुनि की दुहाई' नामक वाक्य घर की बाहरी दीवारों पर सर्प से सुरक्षा के लिए लिखा जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस वाक्य को घर की दीवार पर लिखने से उस घर में सर्प प्रवेश नहीं करता और काल सर्प दोष भी नहीं लगता है।ALSO READ: नाग पंचमी के पर्व पर 5 कार्य जरूर करें, किस्मत खुलने में देर नहीं लगेगी