कालसर्प दोष निवारण के लिए नागपंचमी के दिन को सर्वोत्तम माना गया है क्योंकि इस दिन नागों की पूजा का विधान है। इसलिए इस दिन कालसर्प दोष वालों को चांदी का नाग-नागिन का जोड़ा भगवान शिव को अर्पित करने को कहा जाता है इससे कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है। आओ जानते हैं कि कहां कहां होती है कालसर्प दोष निवारण की पूजा।
1. त्र्यंबकेश्वर : द्वादश ज्योतिर्लिंग में से केवल एक नासिक स्थित त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग का नागपंचमी के दिन अभिषेक, पूजा की जाए तो इस दोष से हमेशा के लिए मुक्ति मिलती है। त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के नासिक के पास गोदावरी के तट पर स्थित है। कालसर्प योग से मुक्ति के लिए बारह ज्योतिर्लिंग के अभिषेक एवं शांति का विधान बताया गया है।
3. त्रिजुगी नारायण मंदिर : केदारनाथ धाम से करीब 15 किलोमीटर दूर त्रिजुगी नारायण मंदिर है। कहते हैं कि यहां पर चांदी, तांबे या सोने के नाग-नागिन (दो बच्चों सहित) अर्पित करने और यहां आंगन में जल रही ज्वाला में चंदन, गुलरिया, पीपल की लकड़ी अर्पित करने और विधिवत पूजा करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है।