पुष्य नक्षत्र का शुभ संयोग, जानिए क्या खरीदें कि घर में बरसे दौलत
सोमवार, 17 अक्टूबर 2022 (17:30 IST)
Pushya nakshatra 2022 : दिवाली के पहले आने वाला पुष्य नक्षत्र बहुत ही शुभ होता है। पुष्य नक्षत्र को खरीदी के लिए शुभ माना जाता है। 18 अक्टूबर 2022 मंगलवार के दिन पुष्य नक्षत्र कब से कब तक रहेगा और क्या खरीद सकते हैं इस नक्षत्र में? इसके साथ जानिए इस दिन के शुभ मुहूर्त भी। इन मुहूर्त में खरीदी गई कोई भी वस्तु बहुत ही शुभ होगी पूरे वर्ष घर में बरकत रहेगी।
पुष्य नक्षत्र कब से कब तक | pushya nakshatra 2022 dates and time: प्रात: 04:13 से प्रारंभ होगा पूरे दिन के साथ ही रात्रि 12:21 तक रहेगा।
18 अक्टूबर 2022 का शुभ मुहूर्त :- Shubha Muhurt:
अभिजीत मुहूर्त;- सुबह 11:16 से दोपहर 12:01 तक। यह खरीदा का सबसे शुभ मुहूर्त है।
विजय मुहूर्त: दोपहर 01:31 से 02:16 तक। इस मुहुर्त में भी खरीदी कर सकते हैं।
बृहस्पति को पुष्य नक्षत्र के देवता के रूप में माना गया है। बृहस्पति देवताओं के गुरु हैं। दूसरी ओर शनि ग्रह पुष्य नक्षत्र के अधिपति ग्रह माने गए हैं इसीलिए शनि का प्रभाव शनि ग्रह के कुछ विशेष गुण इस नक्षत्र को प्रदान करते हैं। चूंकि बृहस्पति शुभता, बुद्धिमत्ता और ज्ञान का प्रतीक हैं, तथा शनि स्थायित्व का, इसलिए इन दोनों का योग मिलकर पुष्य नक्षत्र को शुभ और चिर स्थायी बना देता है। इसलिए इस नक्षत्र में बृहस्पति और शनि से संबंधित वस्तुएं खरीदना शुभ होता है। मान्यता अनुसार इस दौरान की गई खरीदारी अक्षय रहेगी। अक्षय अर्थात जिसका कभी क्षय नहीं होता है।
1. पुष्य नक्षत्र में सोना खरीदना सबसे शुभ माना जाता है।
2. इस दिन वाहन खरीदना भी बहुत शुभ होता है।
3. इस दिन चांदी की कोई वस्तु भी खरीद सकते हैं।
4. यदि आप उपरोक्त वस्तुएं नहीं खरीदना चाहते हैं तो पीतल के बर्तन खरीदना सबसे ज्यादा शुभ होगा। घर में बरसेंगी दौलत।
5. यदि आप व्यापारी नहीं भी हैं तो इस दिन अपपने रोजमार्रा के हिसाब किताब के लिए बहीखाता खरीदेंगे तो बरकत रहेगी और धन का हिसाब किताब रखने में भी आसानी होगी।
6. इस दिन बहीखातों की पूजा करना और लेखा-जोखा कार्य भी शुरू कर सकते हैं। इस दिन से नए कार्यों की शुरुआत करें, जैसे दुकान खोलना, व्यापार करना या अन्य कोई कार्य।
7. इस नक्षत्र में शिल्प, चित्रकला, पढ़ाई प्रारंभ करना उत्तम माना जाता है।
8. इसमें मंदिर निर्माण, घर निर्माण आदि काम भी शुभ माने गए हैं।
9. गुरु-पुष्य या शनि-पुष्य योग के समय छोटे बालकों के उपनयन संस्कार और उसके बाद सबसे पहली बार विद्याभ्यास के लिए गुरुकुल में भेजा जाता है।
10. इस दिन धन का निवेश लंबी अवधि के लिए करने पर भविष्य में उसका अच्छा फल प्राप्त होता है।
11. इस शुभदायी दिन पर महालक्ष्मी की साधना करने, पीपल या शमी के पेड़ की पूजा करने से उसका विशेष व मनोवांछित फल प्राप्त होता है।