राहु-केतु खगोलीय दृष्टि से कोई ग्रह भले न हो लेकिन ज्योतिष में राहू-केतु का बहुत अधिक महत्व है। राहु के साथ केतु का भी नाम लिया जाता है क्योंकि दोनों एक दूसरे के विपरीत बिंदुओं पर समान गति से गोचर करते हैं। राह-केतु को जन्म से ही वक्री ग्रह माना जाता है।
पौराणिक ग्रंथों में राहु एक असुर हुआ करता था जिसने समुद्र मंथन के दौरान निकले अमृत की कुछ बूंदे पी ली थी। सूर्य और चंद्रमा को तुरंत इसकी भनक लगी और सूचना भगवान विष्णु को दी इसके पश्चात अमृत गले से नीचे उतरने से पहले ही भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन से उसका सिर धड़ से अलग कर दिया जिसके कारण उसका सिर अमरता को प्राप्त हो गया और राहु कहलाया।
सूर्य व चंद्रमा से राहु की शत्रुता का कारण भी यही माना जाता है। मान्यता है कि इसी शत्रुता के चलते राहु सूर्य व चंद्रमा को समय-समय पर निगलने का प्रयास करता है जिसके कारण इन्हें ग्रहण लगता है। ज्योतिष शास्त्र में भी राहु को छाया ग्रह माना जाता है। राहु पाप ग्रह है। जातक की कुंडली में कालसर्प जैसे दोष राहु के कारण ही मिलते हैं। मिथुन राशि में राहु को उच्च का तो धनु राशि में नीच का माना जाता है। राहु को अनैतिक कृत्यों का कारक भी माना जाता है। शनि के बाद राहु-केतु ऐसे ग्रह हैं जो एक राशि में लंबे समय लगभग 18 महीने तक रहते हैं। ऐसे में राहु का राशि परिवर्तन करना एक बड़ी ज्योतिषीय घटना मानी जाती है
राहु-केतु गोचर 2017- तिथि व समय
राहु गोचर सिंह से कर्क-18 अगस्त 2017 (शुक्रवार) 00:37
स्पष्ट राहु गोचर सिंह से कर्क- 09 सितंबर 2017 (शनिवार) 02:03
केतु गोचर कुंभ से मकर उपरोक्त तिथि व समयानुसार।
समस्त ग्रहों में राहु को एक क्रूर स्वभाव और बुद्धि को भ्रमित कर देने वाले छाया ग्रह के नाम से जाना जाता है। राहु के प्रभाव से मनुष्य के जीवन में रहस्यमयी और अप्रत्याशित परिवर्तन होते हैं। इसके फलस्वरूप जीवन में अचानक कोई बड़ा परिवर्तन और हादसे घटित होते हैं। हालांकि ये सुखद और दुखद दोनों हो सकते हैं। कुंडली में राहु की दशा और स्थिति से इसका बोध होता है। गोचर के दौरान राहु एक राशि में 18 महीने तक संचरण करता है। अब 18 अगस्त 2017 से राहु सिंह से कर्क राशि में लौट आया है। साल 2017 में राहु के कर्क राशि में गोचर से आपकी राशि पर कैसा होगा असर?
राहु आपकी राशि से पांचवें भाव में गोचर करेगा। इस गोचर के फलस्वरूप नए और सृजनात्मक विचार उत्पन्न होंगे। जो कला और लेखन से जुड़े जातकों के लिए लाभकारी सिद्ध होगा। छात्रों को पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने में परेशानी होगी। इसके अलावा बच्चे ज्यादा शरारती और उपद्रवी हो जाएंगे और उन पर आपका नियंत्रण नहीं रहेगा। 9 सितंबर को राहु आपके चौथे भाव में संचरण करेगा। इस दौरान आप निवास स्थान बदल सकते हैं या किसी दूसरे शहर और घर में शिफ्ट हो सकते हैं। राहु के चौथे भाव में होना आपके लिए कई मामलों में लाभकारी रहेगा। कार्य स्थल पर आपको कई ऐसे अवसर मिलेंगे, जहां नए विचारों के प्रयोग से आपके काम और सार्थक होंगे। राहु के इस गोचर की वजह से आप पर काम की अधिकता रहेगी, जिसकी वजह से मानसिक दबाव बढ़ सकता है। पारिवारिक जीवन में परेशानी आ सकती है।
वृषभ
राहु के चौथे भाव में गोचर करने से आपके निर्णय लेने की क्षमता पर असर पड़ेगा। इसके परिणामस्वरूप प्रभावी फैसले लेने में दिक्कत आएगी। छोटे-मोटे कामों और प्रोजेक्ट्स में व्यस्त रह सकते हैं। पारिवारिक जीवन में कुछ ग़लतफहमी की वजह से मतभेद हो सकते हैं। हालांकि कर्क राशि में राहु के गोचर के फलस्वरूप आपके जीवन में अपार खुशियां आएंगी। आप लक्ष्यों का निर्धारण कर कड़ी मेहनत और लगन के साथ काम करेंगे और सफलता प्राप्त करेंगे। काम के सिलसिले में या किसी और वजह से यात्रा पर जा सकते हैं। सितंबर के बाद आपके व्यवहार और आचरण में सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेंगे। धार्मिक और आध्यात्मिक चिंतन की ओर झुकाव बढ़ेगा।
मिथुन
सितबंर तक राहु आपके तीसरे भाव में स्थित होगा। राहु के तीसरे भाव में होने से आपके अंदर एक नई ऊर्जा का संचार होगा और दृढ़ इच्छाशक्ति आएगी। जीवन में आने वाली तमाम चुनौतियों का सामना करने के लिए आप मानसिक रूप से तैयार रहेंगे। इस गोचर का प्रभाव आपके भाई-बहनों के लिए अच्छा नहीं रहेगा। कम दूरी की यात्रा संभावित है। 9 सितंबर के बाद आपको घर से दूर रहना पड़ सकता है। आय के साधनों में बढ़ोतरी होगी। जीवन साथी या परिजन की सेहत गड़बड़ा सकती है।
कर्क
राहु के दूसरे भाव में होने से आर्थिक मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। पारिवारिक जीवन में कुछ परेशानी आएगी। परिजनों की सेहत को लेकर चिंता बढ़ सकती है। ग़लतफहमी की वजह से परिवार में मतभेद हो सकते हैं। चूंकि राहु आपकी लग्न राशि में स्थित है इसलिए इसके प्रभाव से आपकी सोच में बदलाव आएगा और यह आपके लिए लाभकारी होगा। बौद्धिक कौशल और निर्णय लेने की क्षमता में सुधार होगा। हालांकि विचारों में टकराव होने की वजह से घरेलू जीवन में मतभेद होंगे। इसलिए धैर्य के साथ काम लें। पारिवारिक जीवन में सब कुछ सामान्य हो जाएगा।
राहु के आपकी राशि में स्थित होने से इस साल व्यक्तिगत जीवन में आपको कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ेगा। राहु के गोचर के प्रभाव से आपके स्वभाव और व्यवहार में चिड़चिड़ापन आएगा और इसका असर आपके रिश्तों पर पड़ेगा। आप दोस्त और दुश्मनों में फर्क करना भूल जाएंगे। वैवाहिक जीवन में भी परेशानियां आ सकती है लेकिन जून के बाद परिस्थितियों में सुधार होगा। लंबी दूरी की यात्रा और विदेशों में संपर्क बढ़ने की संभावना नज़र आ रही है। अगर आपकी कुंडली में शत्रु ग्रह एक-दूसरे के साथ बैठकर संबंध बना रहे हैं, तो इसका जातक की साख और सेहत पर गहरा असर पड़ सकता है। खर्च लगातार बढ़ेंगे।
कन्या
राहु का बारहवें भाव में संचरण करना आपकी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। कानूनी कार्यवाही और अन्य समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है। विरोधी आपकी छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेंगे। काम या किसी अन्य वजह से लंबी दूरी की यात्रा करनी पड़ सकती है। सितंबर के बाद राहु आपके ग्यारहवें भाव में आएगा। इस दौरान आमदनी बढ़ेगी और धन का आगमन तेजी से होगा। नौकरीपेशा और बिज़नेस से जुड़े जातकों की तरक्की होगी। कार्य स्थल पर वरिष्ठ अधिकारियों को आपके विचारों को समझने में मुश्किल होगी इसलिए शांति और संयम के साथ उन्हें समझाने की कोशिश करें। नए प्रेम प्रसंग बन सकते हैं।
तुला
राहु आपके ग्यारहवें भाव में स्थित होगा। 11वां भाव आर्थिक वृद्धि और सफलताओं से संबंधित होता है। इसलिए इस वर्ष आपको अपार सफलता मिलेगी, जो जीवन भर आपके लिए यादगार रहेगी। आय के नए साधन मिलेंगे और करियर में कई सुनहरे अवसर आएंगे। जीवन साथी या प्रियतम के साथ कहीं घूमने जा सकते हैं। लव लाइफ भी अच्छी रहेगी। हालांकि संतान पक्ष के स्वास्थ्य से जुड़ी चिंता परेशान कर सकती है। सितंबर के बाद नई नौकरी मिलने के आसार बन रहे हैं। कार्य स्थल पर विवाद की स्थिति निर्मित हो सकती है। इसलिए बेहतर होगा कि सभी मसलों को धैर्य और शांति के साथ सुलझाने की कोशिश करें। काम की अधिकता से परिवार को पर्याप्त समय नहीं दे पाएंगे।
वृश्चिक
राहु आपके दसवें भाव में स्थित है। यह भाव आपके कर्म और प्रोफेशन से जुड़ा है। राहु के इस गोचर की वजह से आपको अपने करियर के प्रति सावधान और समर्पण का भाव रखने की ज़रुरत है। क्योंकि यदि आप सुनहरा भविष्य चाहते हैं तो आपको वर्तमान की योजनाओं पर ध्यान केंद्रित करना होगा। इस वर्ष काम में व्यस्तता की वजह से पारिवारिक जीवन प्रभावित होगा। इसलिए कामकाज और पारिवारिक जीवन में संतुलन बनाए रखने की कोशिश करें। काम के साथ-साथ परिजनों को पर्याप्त समय दें। राहु के कर्क राशि में गोचर करने के बाद आपके अंदर आध्यात्मिक चिंतन की लालसा बढ़ेगी। लंबी दूरी की यात्रा की संभावना बन रही है। पिता जी की सेहत पर ध्यान देने की ज़रुरत होगी। राहु के गोचर की वजह से क्रांतिकारी विचार उत्पन्न होंगे। जिसके फलस्वरूप आपका स्वभाव उग्र और उपद्रवी होगा। इसलिए कुछ भी करने से पहले सोचे और आगे बढ़ें। आपके बोल और विचार किसी को ठेस पहुंचा सकते हैं।
धनु
राहु आपके नौंवे भाव में स्थित है। यह भाव आपकी प्रसिद्धि और भाग्य से संबंधित है। इस वर्ष पिता के स्वास्थ्य पर ध्यान देने की ज़रुरत है। पिता के साथ रिश्तों में कुछ ग़लतफहमी पैदा हो सकती है। सितंबर के बाद आध्यात्मिक और जादू टोना जैसी विद्या के प्रति झुकाव बढ़ सकता है। किसी गंभीर बीमारी या दुर्घटना की चपेट में आ सकते हैं। अवैध व प्रतिबंधित वस्तुओं और उससे जुड़े कार्यों से दूरी बनाए रखें।
मकर
इस वर्ष राहु आपके आठवें भाव में बना रहेगा। रहस्यपूर्ण गतिविधियों की ओर झुकाव बढ़ेगा। अवैध साधनों से धन की प्राप्ति होगी। राहु के गोचर के दौरान अप्रत्याशित लाभ की संभावना है। पिता की सेहत थोड़ी गड़बड़ा सकती है। रिसर्च और अध्यापन से जुड़े जातक कुछ नया और आविष्कारिक कार्य करने में सक्षम होंगे। कर्क राशि में राहु के गोचर के दौरान आपके वैवाहिक जीवन में कष्ट आएंगे। पत्नी के साथ ग़लतफहमी और मतभेद उभरेंगे। इसलिए रिश्तों में शांति और सद्भाव बनाए रखने की कोशिश करें। करियर में प्रगति होगी।
कुंभ
राहु आपके सातवें भाव में गोचर करेगा। यह घर पत्नी और साझेदारी से संबंधित है। राहु के गोचर से वैवाहिक रिश्तों में परेशानी होगी। साझेदारी से जुड़े काम में भी समस्या का सामना करना पड़ेगा। पति-पत्नी के बीच ग़लतफहमी होने से मतभेद होंगे। इस समय में प्रेमिका के साथ भी टकराव बढ़ेगा। सितंबर में राहु के छठवें भाव में संचरण करने पर करियर में उन्नति होगी। विरोधियों पर हावी रहेंगे और आपकी जीत होगी। सेहत का ख्याल रखने की ज़रुरत है क्योंकि आप बीमारी की चपेट में आ सकते हैं। छात्रों को प्रतियोगी परीक्षा में सफलता मिलेगी। कानूनी विवादों का समाधान होगा और फैसला आपके पक्ष में होगा।
मीन
राहु आपके छठवें भाव में गोचर करेगा। इसके फलस्वरूप जीवन में आने वाली समस्याओं और चुनौतियों से लड़ने के लिए आपको साहस और आत्मबल मिलेगा। आप शत्रुओं और प्रतिद्वन्दी पर हावी होंगे और उन्हें पराजित करेंगे। सभी विवादों को किनारे करते हुए आप आगे की ओर बढ़ेंगे। सितंबर में राहु पांचवें भाव में गोचर करेगा। इस समय में आप के अंदर आसान तरीकों से कामों को पूरा करने की इच्छा होगी। हालांकि अपनी रणनीति को लागू करने से पहले अच्छे से सोचें वरना ऐसा ना हो कि सुनहरे अवसर हाथ से निकल जाए। आय में वृद्धि होगी। राजनीति और आईटी सेक्टर में रूचि बढ़ेगी।
उपाय :
यदि आप राहु की दशा से पीड़ित हैं तो इन उपायों से बुरे प्रभावों को दूर कर सकते हैं।
चांदी के आभूषण पहनें। काले कुत्ते को रोटी व अन्य खाद्य पदार्थ खिलाएं। भगवान शिव की आराधना करें। भैरव बाबा के मंदिर जाकर दर्शन कीजिए और पूजा-अर्चना करें।
राहु कुछ लोगों को 18 अगस्त 2017 से 2-3 दिन पूर्व से ही नकारात्मक असर दिखाने लगेंगे।