प्रदेश में बन रहे हैं अतिवृष्टि के योग -
वर्तमान समय में सूर्य-मृगशिरा (दहना), चंद्र-पूर्वाभाद्रपद (नीरा), मंगल-पूर्वाभाद्रपद (नीरा), बुध-आर्द्रा (सौम्या), गुरु-उत्तराषाढ़ा (नीरा), शुक्र-रोहिणी (समीरा), शनि-उत्तराषाढ़ा (नीरा), राहु-मृगशिरा (दहना) व केतु-मूल (दहना) नाड़ी के अंतर्गत स्थित हैं। जैसा कि स्पष्ट है कि चार ग्रह 'नीरा' नामक सजल नाड़ी में स्थित हैं, वहीं ज्योतिष शास्त्रानुसार चंद्र-मंगल-गुरु यदि एक ही सजल नाड़ी में स्थित हों तो अतिवृष्टि होती है।