रविवार, 11 अक्टूबर को रवि पुष्य नक्षत्र का महासंयोग बन रहा है। रवि पुष्य नक्षत्र का विशेष फल मिलता है। सूर्य के दिन शनि के नक्षत्र पुष्य का होना अमृत के समान परिणाम देता है। रवि पुष्य नक्षत्रों का राजा माना जाता है। वैसे तो पुष्य नक्षत्र हर माह आता है, लेकिन रवि पुष्य नक्षत्र का ऐसा शुभ संयोग वर्ष में एक या दो बार ही बनता है।
* लाभ- सुबह 9 से 10.30 मिनट तक।
* अमृत- सुबह 10.30 से 12 बजे तक, रात्रि 7.30 से 9 बजे तक।