* षटतिला एकादशी 6 फरवरी 2024 को ।
* षटतिला एकादशी पर तिल के प्रयोग कैसे करें।
* समस्त पापों का नाश करने वाली एकादशी मंगलवार को।
shattila ekadashi : हिन्दू धर्मशास्त्रों के अनुसार माघ कृष्ण एकादशी यानी षटतिला एकादशी के दिन तिल का प्रयोग करना बेहद लाभदायी माना गया है। इस एकादशी का व्रत रखने से सभी पापों का नाश होता है। मान्यतानुसार इस दिन तिल के तेल की मालिश तथा तिल से निर्मित उबटन लगाकर स्नान करने तथा तपश्चात सूर्यदेव का पूजन करने का विशेष महत्व है।
इस दिन तिल स्नान, तिल उबटन, तिल से हवन, तर्पण, भोजन में तिल का उपयोग तथा तिल का दान करने अत्यंत पुण्यफलदायी माना गया है। तिल के इन प्रयोग के कारण ही यह तिथि षटतिला एकादशी कहलाती है। अत: इस व्रत के करने से अनेक प्रकार के पाप नष्ट हो जाते हैं।
षटतिला एकादशी के दिन गौ माता को गुड़ व घास खिलाने के बाद पानी अवश्य पिलाना चाहिए, इससे पितृगण प्रसन्न होते हैं और जीवन को सुख-समृद्धि से भर यदि सुहागिन महिलाएं सौभाग्यवती स्त्रियों को तिल सामग्री का दान करती है तो यह सर्वश्रेष्ठ कहा गया है। इस व्रत में तिल के उपयोग का बहुत महत्व है, जो कि दुर्भाग्य, दरिद्रता तथा कई प्रकार के कष्टों से मुक्ति देने में सक्षम है। तथा सभी पापों का नाश भी होता है।
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