हमारे शरीर के लिए नमक बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। इसके बावजूद भी सभी घटिया किस्म का नमक खाते हैं। ज्यादा या कम नमक खाना नुकसानदायक है। भारत में सेंधा और काला नमक खाते थे लेकिन आजकल समुद्री नमक प्रचलन में है। भारत में 1930 से पहले कोई भी समुद्री नमक नहीं खाता। विदेशी कंपनियों ने हमें समुद्र नमक, डालडा घी, रिफाइंड तेल, शक्कर और चाय जैसी वस्तुएं खिलाना प्रारंभ किया जिसके चलते हमारा स्वास्थ बिगड़ता गया।
* यह तो सुना ही होगा नमक हराम और नमक हलाल। लाल किताब और ज्योतिष की अन्य किताबों के अलावा नमक के बारे में समाज में निम्नलिखित बातें प्रचलित है। हालांकि इन बातों के पीछे सचाई ढूंढना या इनके खिलाफ तर्क देना का कोई मतलब नहीं। जनश्रुतियां परंपरा से प्राप्त होती है जो कि अनुभव पर आधारित होती है। आप इन्हें सच मानें या न मानें।
*हर कहीं का नमक या नमकीन न खाएं इस बात का हमेशा ध्यान रखें।
*मजबूरी में या दबाव में किसी का नमक मत खाइए इससे आपका बड़ा नुकसान हो सकता है।
*नमक उसी का खाइए जिसके संस्कार अच्छे हों और जो धर्म सम्मत आचरण करता हो।
* समुद्र नमक का ज्यादा या एकदम कम सेवन आपको ब्लड प्रेशर से ग्रस्त कर देगा। हो सकते तो ज्यादा से ज्यादा सेंधा नमक का प्रयोग करें। अत: नमक सोच समझकर खाएं।