17 फरवरी से फाल्गुन मास शुरू होगा तथा फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को यानी 20 फरवरी 2022 को संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi) व्रत रखा जाएगा। चतुर्थी तिथि को भगवान श्री गणेश की पूजा की जाती है। इस दिन विधिपूर्वक श्री गणेश जी का पूजन-अर्चन करने से जीवन की हर मनोकामना पूर्ण होती है तथा घर में खुशियां आती है।
हर माह आने वाली कृष्ण और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को चतुर्थी व्रत किया जाता है। पूर्णिमा के बाद आने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी और अमावस्या के बाद आने वाली चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। यह भगवान गणेश की तिथि है, अत: इस दिन उनका विधि-विधान से पूजा करके उन्हें प्रसन्न किया जाता है। गणेश पुराण के अनुसार इस व्रत के प्रभाव से सौभाग्य, समृद्धि और संतान सुख मिलता है। भविष्य पुराण के अनुसार संकष्टी चतुर्थी व्रत करने से हर तरह के कष्ट दूर हो जाते हैं।
फाल्गुन मास की इस चतुर्थी को द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी (Dwijapriya Sankashti Chaturthi 2022) कहते हैं। इस वर्ष द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी व्रत रविवार के दिन आ रहा है। हिन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार फाल्गुन मास चतुर्थी को बहुत ही शुभ माना जाता है तथा इस दिन भगवान गणेश के छठे स्वरूप की पूजा की जाती है। हिन्दू शास्त्रों के अनुसार किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत करने से पहले भगवान श्री गणेश का आह्वान किया जाता है, क्योंकि श्री गणेश प्रथम पूज्य देवता माने गए हैं। ये बुद्धि के देवता भी है।