विवाह करने के समय योग, मुहूर्त, समय, दिन आदि देखा जाता है। योग कई प्रकार के होते हैं जैसे अमृत सिद्धि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, गुरु-पुष्य योग, पुष्कर योग, त्रिपुष्कर, द्विपुष्कर योग आदि। आखातीज पर कई विवाह होते हैं। इसी तरह सौभाग्य नाम के एक योग होता है जिसमें विवाह करना शुभ माना गया है।
3. यदि विवाह के समय सही लग्न, मुहूर्त आदि नहीं है और सौभाग्य योग भी नहीं है तो प्रति योग में विवाह करना शुभ माना जाता है। कहते भी है कि कि प्रीति संबंध करना। प्रेम विवाह करने में अक्सर इस योग का ध्यान रखा जाता है।