इस वर्ष पिछले दो वर्ष के मुकाबले शुभ कार्यों के लिए मुहूर्तों की संख्या दोगुनी है। 2017 में जहां विवाह के लिए सिर्फ 54 मुहूर्त थे, वहीं 2018 में यह संख्या 59 थी। इस बार यह संख्या 111 है। इस वर्ष पिछले साल के मुकाबले मंगलकारी नक्षत्रों के राजा पुष्य का गुरु और रवि के साथ संयोग पिछली बार से अधिक संख्या में बनेगा।
इस बार पांच दिन रवि और तीन दिन गुरु पुष्य नक्षत्र का संयोग बनेगा। हालांकि 2018 में सिर्फ तीन दिन रवि और दो दिन गुरु पुष्य का संयोग बना था। रवि-गुरु के साथ पुष्य नक्षत्र का जब संयोग होता है तो इस दौरान किए गए कार्य उत्तम फल प्रदान करते हैं। इस दिन की गई खरीदारी स्थायी फल प्रदान करती है।