शनिदोष से पीड़ित जातकों को भगवान् शिव, सूर्य, हनुमान जी की आराधना करनी चाहिए। भगवान शिव, सूर्य व हनुमान की आराधना करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं और शनि की पीड़ा शांत हो जाती है।
शनि दोष निवारण के लिए नित्य भगवान् शिव के पंचाक्षर मंत्र 'ॐ नमः शिवाय' का जप करना चाहिए तथा महामृत्युंजय मंत्र- 'ॐ त्र्यंबकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्द्धनं उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्' का जप करना चाहिए।
इसके अलावा सूर्य नारायण के 'ॐ घृणिं सूर्याय नमः' मंत्र का जाप तथा 'आदित्य हृदय स्तोत्र' का प्रातः पाठ करना चाहिए।
हनुमानजी बनाएं बिगड़े काम-
शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनिवार तथा मंगलवार को महावीर हनुमानजी की आराधना करें। ‘ॐ हनुमते नमः’ मंत्र का जप करना चाहिए। नित्य 'हनुमान चालीसा' व 'सुंदरकांड' का पाठ करने से अशुभ समय में अशुभ प्रभावों में निश्चित रूप से कमी होती है।
शनिदेव को प्रसन्न करने के सिद्ध मंत्र
वैदिक शनि मंत्र: ॐ शन्नोदेवीर- भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः।