शनि ग्रह एक राशि में ढाई वर्ष रहता है। साल 2021 में ( shani transit 2021 in hindi ) वह एक राशि में पिछले साल से ही गोचर कर रहा है जिसके कारण 3 राशियों पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है और 2 राशियों पर ढैया। वर्तमान में मकर राशि में ही शनि ग्रह विराजमान है जो 29 अप्रैल साल 2022 तक रहेंगे। आओ जानते हैं कि कौनसी है वह राशियां और क्या है बचने के उपाय।
1. इन राशियों पर है शनि की दृष्टि : वर्तमान में शनि ग्रह के मकर राशि में रहने के कारण वर्ष 2021 में धनु, मकर और कुंभ इन तीन राशियों पर साल 2021 में शनि की साढ़ेसाती (Shani Sade Sati) चल रही है जबकि मिथुन और तुला पर ढैय्या (Dhaiya) चल रही है। 29 अप्रैल 2022 को इन्हें ढैय्या से मुक्ति मिलेगी। 17 जनवरी 2023 से शनि के मार्गी होने पर तुला और मिथुन राशि से पूरी तरह ढैय्या का प्रभाव खत्म हो जाएगा। तुला राशि पर शनि की ढैय्या 24 जनवरी 2020 से चल रही है।
2. धनु राशि : शनि ग्रह अगले वर्ष 29 अप्रैल 2022 को मकर राशि को छोड़कर कुंभ राशि में आ जाएंगे, तब धनु राशि वालों को शनि की साढ़ेसाती से राहत मिलेगी, परंतु 12 जुलाई 2022 को शनि वक्री होकर फिर से मकर राशि में प्रवेश करेंगे। इसके बाद तब 17 जनवरी 2023 को धनु राशि वालों को शनि की साढ़ेसाती से पूरी तरह मुक्ति मिल जाएगी और मिथुन राशि वालों को ढैया से मुक्ति मिलेगी।
3. मकर राशि : मकर राशि वालों पर शनि की साढ़े साती 26 जनवरी 2017 से शुरू हुई थी। यह 29 मार्च 2025 को समाप्त होगी।
4. कुंभ राशि : कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती 24 जनवरी 2020 से शुरू हुई थी। इससे मुक्ति 3 जून 2027 को मिलेगी, परंतु शनि की महादशा से कुंभ राशि वालों को 23 फरवरी 2028 को शनि के मार्गी होने पर छुटकारा मिलेगा, यानि कुंभ राशि वालों को 23 फरवरी 2028 को शनि की साढ़ेसाती से निजात मिलेगी।
Shani ki sade sati and dhaiya
5. शनि 29 अप्रैल साल 2022 को मकर से निकलकर कुंभ में जाएंगे। शनि के कुंभ राशि में प्रवेश से मीन, कुंभ और मकर राशि पर शनि की साढ़ेसाती तथा कर्क और वृश्चिक राशि पर शनि की ढैय्या लगेगी। यानि वर्ष 2022 में मीन, कुंभ और मकर को साढ़े साती रहेगी जबकि कर्क और वृश्चिक राशि पर शनि की ढैय्या लगेगी।
6. 29 मार्च 2025 को शनि मीन राशि में गोचर करेंगे। जिससे सिंह और धनु राशि वालों पर शनि ढैय्या शुरू होगी। इस दौरान कुंभ, मेष और मीन राशि वालों पर शनि ढैय्या रहेगी। मकर राशि वाले शनि ढैय्या से मुक्ति पा जाएंगे।
7. कहते हैं कि शनि की साढ़ेसाती के पहले चरण में शनि जातक की आर्थिक स्थिति पर, दूसरे चरण में पारिवारिक जीवन और तीसरे चरण में सेहत पर सबसे ज्यादा असर डालता है। ढाई-ढाई साल के इन 3 चरणों में से दूसरा चरण सबसे भारी पड़ता है। अत: कुंभ और मकर राशि वालों को शनिदेव की पूजा जरूर करना चाहिए।
सावधानी :
1. शराब पीने से बचकर रहें।
2. ब्याज का धंधा न करें।
3. पराई महिला पर बुरी नजर न रखें।
4. किसी असहाय, श्वान और अन्य प्राणी को न सताएं।
5. महिला और अपने से बड़ों का अपमान न करें।
उपाय :
1. ग्यारह शनिवार को छाया दान करें।
2. मेहतर को सिक्के दान करें।
3. प्रतिदिन श्री हनुमान चालीसा का पाठ करें।
4. काली वस्तुओं, लोहा और तेल का मंदिर में दान करें।