नवग्रहों में शनि को पीड़ा देने वाला ग्रह माना गया है। शनिवार का ग्रह है शनि ग्रह। शनि ग्रह की दो राशियां हैं कुंभ और मकर तुला। शनि हमारे जीवन में अच्छे कर्म का पुरस्कार और बुरे कर्म के दंड देने वाले हैं। इसकी प्रकृति दारुण है। यह दिन एक और जहां शनिदेव का दिन है वहीं दूसरी ओर भैरवनाथ का भी दिन माना जाता है। इस दिन आप मात्र 5 कार्य करेंगे तो मिलेंगे पांच तरह के फायदे।
3. विभूति, भस्म या लाल चंदन लगाएं।
4. सुंदरकांड या बजरंगबाण पढ़े।
5. शमी के वृक्ष में जल चढाएं।
शर्त : शराब पीना, मांस मटन खाना, जुआ खेलना, पराई स्त्री पर नजर रखना, गरीब, मेहतर, अंधे, अपंग, महिला, कमजोर या असहाय लोगों का शोषण करना या कष्ट देना, कुत्ते, गाय और कौवे को सताना, माता पिता को कष्ट देना वर्जित है तो ही फायदा होगा।
पांच फायदे :
1. कुंडली में शनि सातवें भाव या ग्यारहवें भाव में या शनि मकर, कुंभ और तुला में है तो कोई बात नहीं परंतु इसके अलावा किसी भाव में है तो शनिवार का उपवास करना चाहिए। इससे नीच का शनि पीड़ा नहीं देता है और लगातार उपवास करने से सभी तरह के पाप मिट जाते हैं। शनि यदि कुंडली में सूर्य या केतु के साथ स्थिति है तो भी आपको शनिवार के उपवास करना चाहिए। यदि आप बुरा कार्य और बुरे कर्म करते हैं और अब सुधरना चाहते हैं तो आपको शनिवार के उपाय के साथ ही शनिवार का व्रत रखना चाहिए।