Shukra ka kark rashi me gochar 2023 : 30 मई 2023 की शाम 7 बजकर 39 मिनट पर शुक्र ग्रह मिथुन राशि से निकलकर चंद्रमा की राशि कर्क राशि में प्रवेश कर जाएंगे। जहां वे 7 जुलाई 2023 की प्रातः 3:59 बजे तक रहेंगे और फिर सिंह राशि में प्रवेश कर जाएंगे। आओ जानते हैं कि शुक्र का यह गोचर किन राशियों के लिए अशुभ है और क्या उपाय करना चाहिए।
1. सिंह राशि : आपकी राशि के बारहवें भाव में शुक्र का गोचर लंबी यात्रा के योग बनाएगा। खर्चों में बढ़ोतरी होगी। नौकरी में वेतनवृद्धि के योग हैं। विदेश से जुड़े व्यापार में लाभ होगा। जीवनसाथी के साथ अनबन हो सकती है। सेहत का ध्यान रखना होगा।
2. धनु राशि : आपकी राशि के अष्टम भाव में शुक्र का गोचर शुभ नहीं माना जा रहा है। फालतू के खर्चे बढ़ जाएंगे। अनैतिक कार्य से बचें, अन्यथा नुकसान उठाना पड़ेगा। जीवनसाथी की सेहत का विशेष ध्यान रखें और उनसे व्यवहार भी अच्छा बनाकर रखें। नौकरीपेशा कार्य पर ध्यान दें, नहीं तो बदनामी होगी। व्यापारी हैं तो किसी भी प्रकार के जोखिम से बचें। सेहत पर ध्यान दें।
3. कुंभ राशि : आपकी राशि के षष्ठ भाव में में शुक्र का गोचर आपके विरोधियों को सक्रिय करेगा। नौकरी में समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। सेहत पर भी आपको विशेष ध्यान देने की जरूरत है। संपत्ति विवाद हो सकता है। खर्चों में थोड़ी बढ़ोतरी हो सकती है। व्यापार में कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।
शुक्र ग्रह को शुभ करने के उपाय:
1. लक्ष्मी की उपासना करें। महालक्ष्मी मंदिर में जाकर देवी लक्ष्मी को कमल के फूल अर्पित करें। मां लक्ष्मी की तस्वीर के आगे घी का नौ बत्तियों वाला दीया जलाएं।
2. शुक्रवार का व्रत रखें, खटाई न खाएं और सूर्यास्त तक नमक का भी त्याग करें।
3. स्वयं को और घर को साफ-सुथरा रखें और हमेशा साफ कपड़े पहनें। नित्य नहाएं। शरीर को जरा भी गंदा न रखें। सुगन्धित इत्र या सेंट का उपयोग करें। पवित्र बने रहें।
4. सफेद वस्त्र दान करें। भोजन का कुछ हिस्सा गाय, कौवे, और कुत्ते को दें। दो मोती लेकर एक पानी में बहा दें और एक जिंदगीभर अपने पास रखें।
5. यदि आपके घर के आसपास कहीं महालक्ष्मी का मंदिर हो तो वहां गुलाब की सुगंध वाली अगरबत्ती का दान करें।
6. नौ वर्ष से कम आयु की पांच कन्याओं को 21 शुक्रवार तक मिश्री युक्त खीर खिलाएं।
7. मिट्टी के घड़े पर लाल रंग करें और उसके ऊपर लाल रंग का धागा बांधें। अब इसमें जटायुक्त नारियल रखकर इसे बहते जल में प्रवाहित कर दें।
8. प्रति शनिवार पीपल के पेड़ के नीचे किसी लोहे के बर्तन में पानी, शक्कर, घी और दूध मिलाकर पीपल के पेड़ की जड़ में चढ़ाएं। घी का दीपक जलाएं और सुगंधित अगरबत्ती भी लगाएं।