हमारे सनातन धर्म में प्रत्येक कार्य के लिए एक अभीष्ट मुहूर्त निर्धारित है। वहीं कुछ अवधि ऐसी भी होती है जब शुभकार्य के मुहूर्त का निषेध होता है। इस अवधि में सभी शुभ कार्य जैसे विवाह,मुंडन,सगाई,गृहारम्भ व गृहप्रवेश के साथ व्रतारम्भ एवं व्रतउद्यापन आदि वर्जित रहते हैं। शुभ एवं मांगलिक मुहूर्त्त के निर्धारण में गुरु एवं शुक्र के तारे का उदित स्वरूप होना बहुत आवश्यक है। गुरु व शुक्र के तारे के अस्त होने पर किसी भी प्रकार के शुभ एवं मांगलिक कार्यों के मुहूर्त नहीं बनते। August माह में शुक्र का तारा पश्चिम दिशा में अस्त होने जा रहा है।
शुक्र के तारे की अस्तोदय अवधि-
-दिनांक 03 अगस्त 2023, दिन गुरुवार, कृष्ण पक्ष की द्वितीया को शुक्र का तारा पश्चिम दिशा में अस्त होगा जो दिनांक 17 अगस्त 2023, दिन गुरुवार, शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को पूर्व दिशा में उदित होगा। पंचांग भेद व मतान्तर से शुक्रास्त की अवधि दिनांक 04 अगस्त 2023 से 18 अगस्त 2023 के मध्य रहेगी। इस अवधि में शुक्रास्त होने के कारण समस्त मांगलिक एवं शुभकार्य वर्जित रहेंगे।