1. पितृ दोष से मुक्ति के लिए तर्पण करें: अमावस्या तिथि को पितरों की तिथि माना जाता है। पवित्र नदी में स्नान करने के बाद तट पर ही पितरों के नाम का तर्पण किया जाता है। इसके लिए पितरों को जौ, काला तिल और एक लाल फूल डालकर दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके खास मंत्र बोलते हुए जल अर्पित करना होता है। इससे पितृदोष से मुक्ति मिल जाती है। खासकर विशेष अमावस्या और श्राद्ध पक्ष में।
2. पीपल के वृक्ष की पूजा : सोमवती अमावस्या के दिन प्रात: पीपल के वृक्ष के पास जाइए, उस पीपल के वृक्ष को एक जनेऊ दीजिए और एक जनेऊ भगवान विष्णु के नाम भी उसी पीपल को अर्पित कीजिए। फिर पीपल और भगवान विष्णु की प्रार्थना कीजिए। तत्पश्चात 108 बार पीपल वृक्ष की परिक्रमा करके, शुद्ध रूप से तैयार की गई एक मिठाई पीपल के वृक्ष को अर्पित कीजिए।