बन रहे हैं अत्यंत दुर्लभ योग, 16 जून को जब सूर्य करेंगे राशि परिवर्तन, क्या होगा 12 राशियों पर असर

ज्योतिष में ग्रहों का राशि परिवर्तन करना एक सामान्य घटना है किंतु कभी-कभी इन ग्रहों का गोचर कई दुर्लभ संयोगों का सृजन कर देता है, जो कई वर्षों बाद निर्मित होते हैं। इसी 16 जून, रविवार को गोचरवश नवग्रहों के राजा सूर्य अपनी राशि परिवर्तन कर अपने मित्र की राशि मिथुन में प्रवेश करेंगे। सूर्य के इस गोचर के साथ ही 16 जून 2019 कई दुर्लभ शुभाशुभ योगों का निर्माण होगा। ऐसा दुर्लभ संयोग कई वर्षों बाद बनता है, जब एक साथ गोचर में इतने प्रमुख योगों का निर्माण होता है।
 
आइए, जानते हैं कि 16 जून 2019 को किन-किन प्रमुख शुभाशुभ योगों का निर्माण होने जा रहा है?
 
1. बुधादित्य योग- 16 जून 2019 को सूर्य के मिथुन राशि में प्रवेश के साथ ही मिथुन राशि में 'बुधादित्य योग' का निर्माण होगा। 'बुधादित्य योग' एक राजयोग है, जो जातक को जीवन में प्रचुर लाभ व समृद्धि प्रदान करता है। सामान्यत: कोई ग्रह जब सूर्य के निकट होता है तो सूर्य के ओज के सम्मुख होने से वह अस्त प्रारूप होकर अपना प्रभाव खो देता है। किंतु एकमात्र बुध ही ऐसा ग्रह है, जो सूर्य के निकट होकर भी अस्त नहीं होता एवं अपना शुभ प्रभाव बनाए रखता है। बुध की इसी विशेषता के कारण सूर्य व बुध की युति को 'बुधादित्य' नामक राजयोग के नाम से जाना जाता है।
 
2. गजकेसरी योग- 16 जून 2016 को चंद्र वृश्चिक राशि में रहेंगे। चंद्र किसी भी राशि में मात्र सवा दो दिन तक ही स्थित रहते हैं। नवग्रहों में एकमात्र चंद्र ही ऐसे ग्रह हैं, जो सबसे कम दिन किसी राशि में रहते हैं। देवगुरु बृहस्पति पहले से ही वक्र गति होकर वृश्चिक राशि में विराजमान हैं। चंद्र की गोचरवश इस उपस्थिति से वृश्चिक राशि में 16 जून को 'गजकेसरी' नामक राजयोग का सृजन होगा। 'गजकेसरी' योग भी सुप्रसिद्ध राजयोग है, जो जातक को जीवन आशातीत सफलता एवं उन्नति प्रदान करता है।
 
3. ग्रहण योग- 16 जून 2019 को सूर्य के मिथुन राशि में प्रवेश के साथ ही मिथुन राशि में 'ग्रहण योग' का भी निर्माण होने जा रहा है। मिथुन राशि में राहु पूर्व से ही स्थित हैं। सूर्य के गोचर से मिथुन राशि में सूर्य-राहु की युति का निर्माण होगा जिसे 'ग्रहण योग' के नाम से जाना जाता है। 'ग्रहण योग' एक अशुभ योग है, जो जातक को जीवन असफलता व संघर्ष देता है।
 
4. अंगारक योग- 16 जून 2019 को सूर्य के राशि परिवर्तन से मिथुन राशि में चतुर्ग्रही योग का निर्माण होगा जिसमें राहु-मंगल की युति 'अंगारक' योगकारक है। 'अंगारक योग' एक अत्यंत अशुभ व अनिष्टकारी योग है जिसके कारण जातक को अपने जीवन में अतीव संकटों व असफलताओं का सामना करना पड़ता है।
 
किस राशि पर पड़ेगा सर्वाधिक प्रभाव?
 
16 जून 2019 को कई वर्षों बाद बनने जा रहे इन दुर्लभ संयोगों से सभी 12 राशियों के जातक प्रभावित होंगे किंतु सर्वाधिक प्रभावित मिथुन राशि वाले जातक होंगे, क्योंकि इनमें से अधिकतर योग मिथुन राशि में ही बन रहे हैं।
 
आइए, जानते हैं कौन सी राशि के जातकों के लिए यह दुर्लभ संयोग लाभदायक हैं व किस राशि के जातक के लिए यह संयोग हानिकारक हैं?
 
शुभ प्रभाव वाली राशियां- वृषभ, कर्क, कन्या, तुला, वृश्चिक, मकर, मीन।
 
अशुभ प्रभाव वाली राशियां- मेष, मिथुन, सिंह, धनु, कुंभ।
 
-ज्योतिर्विद् पं हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केंद्र
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