नास्त्रेदमस और तीसरा विश्व युद्ध (Nostradamus and the Third World War): नास्त्रेदमस ने अपनी भविष्यवाणी की पुस्तक में तीसरे विश्व युद्ध का जिक्र किया है। तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत के संबंध में वे लिखते हैं कि ''धर्म बांटेगा लोगों को। काले और सफेद तथा दोनों के बीच लाल और पीले अपने-अपने अधिकारों के लिए भिड़ेंगे। रक्तपात, महामारियां, अकाल, सूखा, युद्ध और भूख से मानवता बेहाल होगी।'' (vi-10)। जब तृतीय युद्ध चल रहा होगा उस दौरान चीन के रासायनिक हमले से एशिया में तबाही और मौत का मंजर होगा, ऐसा जो आज तक कभी नहीं हुआ।- (vi-51)। 'एक मील व्यास का एक गोलाकार पर्वत अंतरिक्ष से गिरेगा और महान देशों को समुद्री पानी में डुबो देगा। यह घटना तब होगी, जब शांति को हटाकर युद्ध, महामारी और बाढ़ का दबदबा होगा। इस उल्का द्वारा कई प्राचीन अस्तित्व वाले महान राष्ट्र डूब जाएंगे।' (I-69)। जानकार कहते हैं कि तीसरा एंटी क्राइस्ट युद्ध की शुरुआत करेगा। इससे पहले नेपोलियन और हिटलर को नास्त्रेदमस ने एंटी क्राइस्ट कहा था और कहा था कि तीसरा एंटी क्राइस्ट जब आएगा तो 27 साल तक तीसरा विश्वयुद्ध चलेगा।
अच्युतानंद दास : आसमान में दो सूर्य निकलने का आभास होगा। दूसरा सूर्य आसमानी पिंड होगा, जो बंगाल की खाड़ी में गिरेगा और ओडिशा जलमग्न हो जाएगा। समुद्र का जलस्तर बढ़ जाएगा और जगन्नाथ मंदिर की 22वीं सीढी तक पानी आ जाएगा। तब भगवान के विग्रह को उनके भक्त छातियाबटा ले जाएंगे। धरती पर हो रहीं प्राकृतिक आपदाओं के कारण धरती पर 7 दिनों तक अंधेरा रहेगा। एक ओर प्राकृतिक आपदाएं होंगी तो दूसरी ओर होगा महायुद्ध। तीसरे विश्वयुद्ध की शुरुआत शनि के कुंभ राशि में प्रवेश करने पर हो जाएगी। अमेरिका का एक बड़ा हिस्सा जलमग्न हो जाएगा। संत अच्युतानंद ने 2019 से 2028 के बीच युग परिवर्तन की स्थिति बन रही है। 17 जनवरी 2023 को शनि पुन: कुंभ में आएंगे तब कई देशों में आपसी तनाव के चलते युद्ध की शुरुआत होगी। 2023 में भुखमरी फैलेगी। शनि जब मीन राशि में जाएगा यानी 29 मार्च 2025 को तो तब तृतीय विश्व युद्ध की शुरुआत होगी।