Astrological predictions on Indian politicians: वर्तमान में सोशल मीडिया और अन्य वेबसाइट पर ज्योतिष लोगों द्वारा भारत के राजनीतिज्ञों और भारत का भविष्य बताया जा रहा है। इसके लिए वे कुंडली, दशाओं, ग्रह नक्षत्रों के परिवर्तन और भविष्य मालिका जैसी पुस्तकों का हवाला दे रहे हैं। हालांकि, इन भविष्यवाणियों की सटीकता को कोई दावा नहीं करता है ये व्यक्तिगत मान्यताओं पर आधारित होती हैं।
नरेंद्र मोदी: आजकल कई ज्योतिष विश्लेषक बता रहे हैं कि नरेंद्र मोदी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाऊंगे। कुछ कह रहे हैं कि यह सरकार अपना कार्यकाल तो पूरा करेगी लेकिन नरेंद्र मोदी को 2026 तक सत्ता छोड़ना होगी और फिर कोई नया चेहरा देश का पीएम बनेगा। कहा जा रहा है कि राहु और केतु की दशा उनके लिए अप्रत्याशित चुनौतियां ला सकती हैं। हालांकि नरेंद्र मोदी की कुंडली में बृहस्पति और शनि की महादशा उनकी प्रमुख हैं, जो उनके राजनीतिक करियर में स्थिरता और सफलता का संकेत देती है।
राहुल गांधी: राहुल गांधी के बारे में कहा जा रहा है कि वे कभी प्रधानमंत्री नहीं बन पाएंगे लेकिन उनके नेतृत्व में कांग्रेस जरूर मजबूत होती जाएगी। वे हमेशा सत्ता के करीब रहेंगे लेकिन सत्ता का सुख उन्हें नहीं मिलेगा। समाज के निचले तबके से वह जुड़ने में कामयाब होंगे और सत्ता पक्ष को परेशानी में डाल सकते हैं। कुल मिलाकर आने वाला समय उनके लिए बेहतर होगा। प्रमुख विपक्षी दल के नेता के तौर पर राहुल गांधी की स्वीकार्यता बढ़ेगी। राहुल गांधी की कुंडली में चंद्रमा और राहु का प्रभाव है, जो उनकी राजनीतिक यात्रा में उतार-चढ़ाव और संघर्ष को दर्शाता है।
अमित शाह: ज्योतिषियों के अनुसार शनि की दशा अमित शाह की राजनीतिक स्थिरता को बढ़ाएगी और उन्हें महत्वपूर्ण निर्णय लेने में सक्षम बनाएगी। इस अवधि में उनके नेतृत्व में पार्टी के संगठनात्मक ढांचे में सुधार और विस्तार हो सकता है। गुरु का प्रभाव उनके राजनीतिक करियर में नए अवसर और गठबंधन की संभावनाएं बढ़ाएगा। इस दौरान उनकी कूटनीति क्षमता और रणनीतिक कौशल और उभरकर सामने आएंगे। राहु कभी-कभी अप्रत्याशित चुनौतियां ला सकता है, खासकर उनकी सेहत को लेकर चुनौतियां खड़ी हो सकती हैं।
इसी के साथ कुछ विवादों या आलोचनाओं का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन ये उनके करियर को दीर्घकालिक नुकसान नहीं पहुंचाएंगी। ज्योतिषीय संकेतों के अनुसार, अमित शाह भविष्य में प्रधानमंत्री पद के एक मजबूत दावेदार हो सकते हैं।
योगी आदित्यनाथ: कई ज्योतिष योगी आदित्यनाथ की कुंडली में का विश्लेषण करके बताते हैं कि वे भविष्य में भारत के प्रधानमंत्री बनेंगे और उनके नेतृत्व में ही भारत हिंदू राष्ट्र बनेगा। उस दौरान उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। हालांकि शनि और मंगल की प्रबल स्थिति के चलते वे और और भी ज्यादा दृढ़ और निडर होकर सामने आएंगे। आने वाले समय में उनके प्रभाव और राजनीतिक कद में वृद्धि के संकेत हैं। ज्योतिष मानते हैं कि उन्हें कोई रहस्यमयी बीमारी भी जिसे उन्होंने अपनी पूजा के बल पर काबू में कर रखा है।
ममता बनर्जी: उनकी कुंडली में चंद्रमा और शुक्र का प्रभाव उनकी लोकप्रियता और दृढ़ निश्चय को दर्शाता है। हालांकि, शनि की दशा उनके लिए राजनीतिक चुनौतियां और विपक्ष से कड़ी टक्कर ला सकती है। आने वाले समय में ममता बनर्जी को कई राजनीतिक चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। उनकी जिद और गलत निर्णय के चलते बंगाल में अराजकता का दौरा प्रारंभ होगा जो लंबे समय तक रहेगा। इसके चलते बंगाली मानुष का जीवन तहस नहस होने की संभावना है।
नीतीश कुमार: बिहार के नेता नीतीश कुमार को लेकर ज्योतिष विश्लेषक मानते हैं कि भविष्य में उन्हें कोई गंभीर बीमारी हो सकती है। हालांकि नीतीश कुमार का राजनीतिक भविष्य ज्योतिषीय दृष्टि से चुनौतीपूर्ण लेकिन संभावनाओं से भरा हुआ है। उनकी कुंडली में प्रधानमंत्री पद की संभावना का संकेत मिलता है, लेकिन यह संभव होना मुश्किल है। शनि और राहु का प्रभाव उन्हें कुछ विवादों या आलोचनाओं का सामना करने पर मजबूर कर सकता है।
अखिलेश यादव: शनि का प्रभाव अखिलेश यादव लिए संघर्ष और चुनौतियां ला सकता है। हालांकि गुरु का गोचर उनकी राजनीतिक यात्रा में नई संभावनाएं और गठबंधन के अवसर ला सकता है। हालांकि राहु और केतु का प्रभाव अप्रत्याशित घटनाओं और फैसलों का संकेत देता है। कुल मिलाकर उनका राजनीतिक करियर अच्छा माना जा सकता है।
अरविंद केजरीवाल: उनकी कुंडली में सूर्य की मजबूत स्थिति उन्हें एक करिश्माई और दृढ़ नेता बनाती है। मंगल का प्रबल प्रभाव उन्हें तेजस्वी और साहसी नेता बनाता है, जो कठिन परिस्थितियों में भी निर्णायक फैसले ले सकते हैं। भविष्य में शनि का प्रभाव उनकी राजनीतिक यात्रा में स्थिरता और परिश्रम को बढ़ावा देगा। हालांकि राहु-केतु का गोचर अप्रत्याशित घटनाओं और विवादों का संकेत देता है। उनकी पार्टी अन्य राज्यों में अपनी उपस्थिति मजबूत कर सकती है। नीतीश कुमार की ही तरह ज्योतिषीय दृष्टि से, उनकी कुंडली में प्रधानमंत्री पद की संभावना का संकेत मिलता है, लेकिन इसमें कई तरह की रुकावट भी हैं।
प्रियंका गांधी: बृहस्पति की मजबूत स्थिति उनके करिश्माई व्यक्तित्व और नेतृत्व क्षमता को दर्शाती है। शनि का गोचर उनके लिए कड़ी मेहनत, संघर्ष, और राजनीतिक चुनौतियों को जन्म देगा। भविष्य में प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की स्थिति को मजबूत करने में कामयाब रहेगी। राष्ट्रीय राजनीति में अपनी पहचान और मजबूत करेंगी। विपक्षी दलों के साथ गठबंधन में प्रियंका गांधी की अहम भूमिका रहने की संभावना है। ज्योतिषीय दृष्टिकोण से, उनकी कुंडली प्रधानमंत्री पद के लिए संभावनाओं का संकेत भी देती है। हालांकि, उन्हें पार्टी संगठन, गठबंधन और विवादों से निपटने के लिए सतर्क बुद्धि का परिचय देते हुए कांग्रेस को एकजुट रखना होगा।
ज्योतिष भविष्यवाणियां हमेशा संभावनाओं और ग्रहों के संकेतों पर आधारित होती हैं। इन्हें एक मार्गदर्शन के रूप में लिया जाना चाहिए, न कि निश्चित सत्य के रूप में। राजनीतिज्ञों की सफलता में उनकी मेहनत, नीतियां और जनता का समर्थन सबसे बड़ी भूमिका निभाते हैं।