गुरु का शुभ रत्न है पुखराज, जानिए येलो टोपाज और ब्लू टोपाज में अंतर

गुरुवार, 1 सितम्बर 2022 (01:56 IST)
Pukhraj: बृहस्पति यानी गुरु का रत्न पुखराज है जिसे अंग्रेजी में Topaz कहते हैं। पुखराज पनहने से गुरु बलवान होता है। गुरु के बलवान होने से भाग्य बलवान होता है। पुखराज मुख्यत: सफेद, पीला और नीले रंग का मिलता है। अधिकतर पीले रंग का पुखराज पहनते हैं। आओ जानते हैं कि पीले और नीले रंग के पुखराज में क्या है फर्क।
 
1. नीला अर्थात ब्लू पुखराज रोमांस के लिए शुभ माना जाता है, जबकि पीला पुखराज ज्ञान, सुख और समृद्धि के शुभ माना जाता है।
 
2. पीला पुखराज पहनने से संतान, विद्या, धन और यश में सफलता मिलती है जबकि नीला पुखराज पहनने से शनि के दुष्प्रभाव से मुक्ति मिलती है और दांपत्य जीवन सुखद रहता है।
  
3. नीला पुखराज धारण करने से लोगों का क्रोध कम होता है और दयालुता बढ़ती है। इसे प्यार और स्नेह का चिन्ह माना जाता है। यह रत्न आकर्षण शक्ति बढ़ाता है। उदास और बुझे दिलों में प्यार की इच्छा जगाता है। जबकि पीला पुखराज आध्यात्मिक शक्ति, शांति या विद्या को भी बढ़ाता है। 
 
4. जीवन में भाग्यवृद्धि, सुख-सौभाग्य, विकास-उन्नति, समृद्धि, पुत्र कामना, विवाह एवं आध्यात्मिक समृद्धि हेतु पुखराज धारण करना चाहिए। जबकि प्यार, उत्साह, सुखी वैवाहिक जीवन, संतान सुख आदि के लिए नीला पुखराज धारण करना चाहिए।
 
5. नीला पुखराज एक सुंदर और कठोर पत्थर होता है जिसे अक्सर आभूषण बनाने के लिए काम में लिया जाता है, जबकि पीला पुखराज का अधिकतर अंगुठी के लिए उपयोग करते हैं।
 
6. रत्न के कई जानकार कहते हैं कि एकदम पीला पुखराज सही नहीं होता। वह नकली भी हो सकता है। इसे मात्र साथारण टोपाज कहते हैं। पुखराज पीला आभायुक्त होता है और नीला पुखराज को नीलम भी कहते हैं। पुखराज कोई भी हो उसके असल और नकली की पहचान करके ही लें।
 
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