शुक्रवार को पहना जाता है ये खूबसूरत और बेशकीमती रत्न, जानिए हीरे के ये 8 विशेष गुण

जो हीरा हल्के रंग की नीलिमा लिए श्वेत वर्ण का या नीली या लाल किरण निःसारित करते हुए सफेद वर्ण का हो या काले बिन्दुओं से मुक्त हो, वह उत्कृष्ट होता है। साथ ही इसमें चिकनापन, सुंदर चमक, अंधेरे में जुगनू की तरह चमकने वाला, सुंदर कठोर व अच्छे वर्णयुक्त हो वह श्रेष्ठ हीरा है, इस तरह असली उत्कृष्ट हीरे की पहचान की जाती है। 
 
हीरे के नौ विशेष गुण : 
 
1 प्राचीन ग्रंथों के अनुसार हीरा पानी पर तैरता है, इसलिए इसका नाम वारितर भी रखा गया है। 
 
2 हीरा बिजली का कुचालक होता है, अतः हाथ में हीरे की अंगूठी पहनने पर बिजली के झटके का प्रभाव नहीं पड़ता है।
 
3 हीरे की चमक स्थायी व ताप में शीतल होती है। 
 
4 उन्नतोदर ताल द्वारा सूर्य की किरणें एकत्रित कर हीरे पर डालने पर जल जाता है।
 
5 हीरे को अत्यधिक गर्म करने पर रंग हल्का हो जाता है, परन्तु शीतल होने पर रंग पुनः पूर्ववत्‌ हो जाता है।
 
6 अंधकार में अच्छे हीरे के प्रकाश में पढ़ा जा सकता है।
 
7 हीरा कठोर होते हुए भी भंगुर है तथा हाथ से नीचे गिरने पर टूट जाता है।
 
8 हीरा सबसे अधिक कठोर होता है, जिससे किसी भी वस्तु से हीरे पर रगड़ या खरोंच का निशान या रगड़ने का भी निशान नहीं पड़ता। 

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