रत्न |
रोग |
1. पन्ना- |
स्मरण शक्ति के लिए धारण करें। |
2. नीलम- |
गठिया, मिर्गी, हिचकी एवं नपुंसकता को नष्ट करता है। |
3. फिरोजा- |
दैविक आपदाओं से बचाने के लिए फिरोजा धारण करें। |
4. मरियम- |
बवासीर या बहते हुए रक्त को रोकने के लिए। |
5. माणिक- |
रक्तवृद्धि के लिए। |
6. मोती- |
तनाव व स्नायु रोगों के लिए। |
7. किडनी स्टोन- |
किडनी रोग निवारण के लिए। |
8. लाडली- |
हृदयरोग, बवासीर एवं नजर रोग के लिए धारण कर सकते हैं। |
9. मूंगा, मोती- |
मुंहासों के लिए धारण करें। |
10. पन्ना, नीलम, लाजवर्थ- |
पेप्टिक अल्सर में उपयोगी है। |
11. पुखराज, लाजवर्थ, मूनस्टोन- |
दांतों के लिए। |
12. माणिक, मोती, पन्ना- |
सिरदर्द के लिए। |
13. गौमेद या मूनस्टोन- |
गले की खराबी के लिए। |
14. माणिक, मूंगा, पुखराज- |
सर्दी, खांसी, बुखार जिसे बार-बार होता है, वे धारण करें। |
15. मूंगा, मोती, पुखराज- |
बार-बार दुर्घटना होने पर धारण करें। दुर्घटना से बचने के लिए। |
16. तांबे की चेन- |
कुकुर खांसी के लिए। |
17. मूंगा, मोती, पन्ना- |
मूंगा, मोती, पन्ना एक ही अंगुठी में मोतियाबिंद को नष्ट करने के लिए धारण करें। |
18. मूंगा, पुखराज- |
कब्ज मुक्ति के लिए। |