शुक्र जब अशुभ फल देता है, तो जातक का अंगूठा बिना किसी बीमारी के बेकार हो जाता है। स्वप्न-दोष बार-बार होने लगता है एवं त्वचा में विकार (त्वचा संबंधी रोग) होने लगता है।
सरल-उपाय
* शुक्रवार का व्रत रखें।
* अपने भोजन में से गाय को खिलाएं।
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* लक्ष्मी की उपासना करें।
* सफेद एवं साफ वस्त्र पहनें।
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* घी, दही, कपूर एवं मोती का दान करें।
* हीरा, स्फटिक अथवा अमेरिकन डायमंड मध्यमिका अंगुली में धारण करें।
* ॐ शुं शुक्राय नम: का जाप करें।
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* दूसरों के पालन-पोषण की जिम्मेदारी लें।
* सफेद-चंदन, सफेद-चावल, सफेद-वस्त्र, सफेद-चित्र, सफेद-फूल, चांदी, हीरा, घी, स्वर्ण, दही, सुगंधित-द्रव्य एवं शक्कर के साथ दक्षिणा रखकर किसी कन्या या एक आंख वाले को शुक्रवार के दिन दान करें।