मेष लग्न में मीन राशि वालों को कुंभ पर शनि के आने से साढे़साती की प्रथम ढैया शुरू होगी। जो आय भाव से होने के कारण आर्थिक लाभदायक होगी। आय के साधन में वृद्धि होगी अकस्मात धन लाभ के योग भी बनेंगे। ये ढाई वर्ष आपके लिए ठीक रहेंगे। ऐसी स्थिति में धन को काफी संभाल कर रखना होगा ताकि आने वाले समय (उतरती साढ़ेसाती) में परेशानी का सामना ना करना पडे़।
इस समय व्यापार, नौकरी की स्थिति भी ठीक रहेगी। पिता का, अधिकारी वर्ग का सहयोग भी मिलता रहेगा। विद्यार्थी वर्ग को अपनी पढ़ाई पर अधिक ध्यान देना होगा। स्वास्थ्य का भी ख्याल रखें। शनि की दूसरी साढे़साती शनि के मीन राशि पर आने से शुरू होगी।
मध्य की साढे़साती ठीक-ठीक परिणाम देगी। आय होती रहेगी, वहीं बाहरी मामलों में सुधारजनक वातावरण रहेगा। बाहर गाँव की यात्रा के योग भी बनेंगे। धन कुटुम्ब का सहयोग मिलेगा, धन की बचत भी होगी। अधिक परिश्रम से स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ सकता है।
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शत्रु वर्ग प्रभावहीन होंगे, नाना-मामा का सहयोग भी मिलेगा, कर्ज उतरता नजर आएगा। भाग्य में मिली-जुली स्थिति रहेगी, मान-सम्मान बना रहेगा। शनि की उतरती साढे़साती शनि के मेष राशि पर आने से होगी जो शनि की नीच राशि है। अन्तिम साढे़साती स्वास्थ्य पर असर डालेगी वहीं मानसिक चिन्ता का कारण भी बनेगी। अकस्मात खर्चे, काम में मन न लगना, व्यापार में उतार, नौकरी में बाधा, पिता के स्वास्थ्य में कमी या साथ छोड़ देना जैसे योग बनते है।
पराक्रम में वृद्धि लेकिन लाभ कम, वैसे भाइयों का सहयोग मिलेगा। जीवन साथी का साथ ही धैर्य खोने नहीं देगा। शनि की समाप्ति पर कहते है कि शनि फिर से आपके जीवन में रस भर देगा। शनि की पीड़ा को कम करने हेतु पानी में काले उड़द हर शनिवार या शनि अमावस्या को बहावे व शनि दर्शन से बचे।