वैशाख या बैशाख माह हिन्दू कैलेंडर के अनुसार वर्ष का दूसरा माह होता है। इस महीने गंगा उपासना, वरुथिनी एकादशी, मोहिनी एकादशी, अक्षय तृतीया, वैशाख पूर्णिमा जैसे महत्वपूर्ण त्योहार और व्रत आदि मनाए जाते हैं। इस माह की भी पुराणों में महिमा का वर्णन है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी माह से त्रेतायुग का आरंभ हुआ था। इसी वजह से इसका धर्मिक महत्व बढ़ जाता है। इस माह को माधव नाम से भी जाना जाता है। माधव विष्णु का एक नाम है। इस माह में विष्णु भगवान की पूजा का खासा महत्व है। आओ जानते हैं कि ऐसे कौनसे 5 कार्य है जो कि वैशाख माह में करने से सुख मिलता है।ALSO READ: वैशाख अमावस्या के मुहूर्त, महत्व और उपाय
1. वैशाख अमावस्या पर क्या करें :
धर्म-कर्म, स्नान-दान और पितरों के तर्पण के लिए अमावस्या का दिन बहुत ही शुभ माना जाता है।
काल सर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए भी अमावस्या तिथि पर ज्योतिषीय उपाय किए जाते हैं।
पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण एवं उपवास करें और किसी गरीब व्यक्ति को दान-दक्षिणा दें।
अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ पर सुबह जल चढ़ाना चाहिए और संध्या के समय दीपक जलाना चाहिए।
इस दिन नदी, जलाशय या कुंड आदि में स्नान करें और सूर्य देव को अर्घ्य देकर बहते हुए जल में तिल प्रवाहित करें।
दक्षिण भारत में वैशाख अमावस्या पर शनि जयंती मनाई जाती है। वैशाख अमावस्या पर शनि जयंती भी मनाई जाती है, इसलिए शनि देव तिल, तेल और पुष्प आदि चढ़ाकर पूजन करनी चाहिए।
2. पूरे माह करें भगवान विष्णु की पूजा:
वैशाख मास में भगवान विष्णु की तुलसीपत्र से माधव रूप की पूजा की जाती है। स्कन्द पुराण के वैष्णव खण्ड अनुसार..
न माधवसमो मासो न कृतेन युगं समम्।
न च वेदसमं शास्त्रं न तीर्थं गंगया समम्।।
अर्थात्: माधवमास, यानि वैशाख मास के समान कोई मास नहीं है, सतयुग के समान कोई युग नहीं है, वेदों के समान कोई शास्त्र नहीं है और गंगाजी के समान कोई तीर्थ नहीं है। इस माह के दौरान आपको- 'ॐ माधवाय नमः' - मंत्र का नित्य ही कम से कम 11 बार जप करना चाहिए। साथ ही भगवान विष्णु के केशव, हरि, गोविंद, त्रिविकरम, पद्मानाभ, मधुसूदन, अच्युत और हृषिकेष नाम का भी ध्यान करें। उन्होंने पंचामृत का भोग लगाएं और उस पंचामृत में तुलसी पत्र डालना न भूलें। साथ ही उन्हें सफेद या पीले फूल अर्पित करने चाहिए।
पूजा का फल: इससे आपके करियर में, नौकरी में, व्यापार में तरक्की होगी। इससे जीवन में कभी कोई संकट नहीं आएगा और दांपत्य जीवन भी सुखमयी व्यतीत होगा।
3. भूमि पर शयन और खानपान:
1. वैशाख माह में भूमि पर ही शयन करना चाहिए और एक समय ही भोजन करान चाहिए। इससे सभी तरह के रोग और शोक मिट जाते हैं।
2. वैशाख माह में नया तेल लगाना मना है। इस माह में तेल व तली-भुनी चीजों से परहेज करना चाहिए। बेल खा सकते हैं।
3. वैशाख मास में तेल लगाना, दिन में सोना, कांस्य के पात्र में भोजन करना, खाट पर सोना, घर में नहाना, निषिद्ध पदार्थ खाना, दो बार भोजन करना तथा रात में खाना- यह 8 बातें त्याग देना चाहिए।
4. वैशाख कथा का श्रवण करें और गीता का पाठ करें:
1. वैशाख माह में वैशाख माह की कथा का श्रवण करें।
2. इस माह में गीता का पाठ करना चाहि। रोज एक अध्या पढ़ें।
5. वैशाख पूर्णिमा पर खाएं खीर और करें ये काम:
पिंजरे से पक्षियों को मुक्त कर आकाश में छोड़ दें।
वैशाख मास में बुद्ध पूर्णिमा पर्व मनाया जाता है। इस दिन पितरों का तर्पण करें।
इस दिन पवित्र जल यानि गंगा जल से स्नान करने से जन्म-जन्मांतर के पाप नष्ट हो जाते है।
इस दिन सत्तू, जल पात्र, भोजन, मिष्ठान्न और वस्त्र दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
पूर्णिमा तिथि को बहुत ही पवित्र माना गया है, अतः इस दिन भगवान श्री विष्णु और माता लक्ष्मी की विधि-विधान के साथ पूजन करें।