धरती और ग्रहों की खगोलीय घटनाओं को देखने वालों के लिए एक मौका जल्द ही नजदीक आ रहा है। वैज्ञानिकों के मुताबिक 24 फरवरी को शनि धरती के एकदम नजदीक होगा।
वैज्ञानिकों के अनुसार रविवार शाम सूरज ढलने के ठीक एक घंटे बाद खुली आँखों से आकाश के पूर्वी हिस्से में शनि चमकता हुआ दिखाई देगा। इससे भी बेहतर यदि देखना चाहें तो उसे रात 10 बजे से दो बजे तक देखा जा सकता है। आकाश में इस तरह का मनोरम दृश्य फिर 2015 तक नहीं देख पाएँगे।
साइंस पापुलराइजेशन एसो. ऑफ कम्युनिकेशन एंड एजुकेटर्स के निदेशक चन्द्रभूषण देवगन के मुताबिक यह दृश्य देखना इसलिए संभव होगा, क्योंकि शनि विपरीत रुख में रहेगा। ऐसी स्थिति, जहाँ धरती के एक सूरज और दूसरी ओर शनि होगा। नतीजा, शनि पूरी तरह चमक रहा होगा और डिस्क के समान लगेगा। यह अद्भुत संयोग 24 फरवरी को होने जा रहा है।
वैज्ञानिकों के अनुसार रविवार शाम सूरज ढलने के ठीक एक घंटे बाद खुली आँखों से आकाश के पूर्वी हिस्से में शनि चमकता हुआ दिखाई देगा। इससे बेहतर देखना चाहें तो रात 10 बजे से दो बजे तक देखा जा सकता है। आकाश में इस तरह का मनोरम दृश्य 2015 तक नहीं देख पाएँगे।
उस दिन शनि पृथ्वी के सबसे नजदीक होगा और सबसे ज्यादा चमक रहा होगा। यह कह सकते हैं, जब सूर्यास्त हो रहा होगा, तब शनि का उदय होगा और जब सूर्योदय होगा, तब यह अस्त हो जाएगा। इस खगोलीय घटना का अवलोकन टेलीस्कोप से और भी बेहतर तरीके से किया जा सकता है।
सूर्य के करीब भी आएगा शनि को 4 सितंबर को शाम के समय देखा जा सकेगा, क्योंकि यह अगस्त की शुरुआत से यह सूर्य के करीब आना शुरू हो जाएगा। सूर्य मिलन के बाद शनि अक्टूबर की शुरुआत से आसमान में साफ दिखाई देगा।
चलती रहती है प्रक्रिया शनि अपनी विपरीत दिशा में हमेशा एक वर्ष दो सप्ताह (378.1 दिन) में या 30 वर्षों में 29 बार आता है। इससे पूर्व उसकी विपरीत दिशा 10 फरवरी 2007 को बनी थी और अब नौ मार्च 2009 को वह पुनः विपरीत दिशा में दिखाई देगा।